विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने पुलिस बल में भर्ती में पूर्व सैन्यकर्मियों को छह फीसदी आरक्षण देने तथा उनकी कॉलोनियां स्थापित करने के लिए कम कीमत में जमीन मुहैया कराने का फैसला किया है.
एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहीं सुषमा ने कहा ‘हमने पूर्व सैन्यकर्मियों को पुलिस बल में छह फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है ताकि उन्हें पुन:रोजगार मिल सके.’ बशोली गांव की सीमा पंजाब और हिमाचल प्रदेश से मिलती है. इस गांव में पूर्व सैन्यकर्मियों की बहुत संख्या है. उन्हें लुभाने का प्रयास करते हुए सुषमा ने कहा कि सरकार ने पूर्व सैन्यकर्मियों को कम कीमत में जमीन मुहैया कराने का फैसला किया है ताकि उनकी कॉलोनियां स्थापित की जा सकें.
उन्होंने कहा ‘हम हर्बल खेती को प्रोत्साहन देंगे ताकि पूर्व सैन्यकर्मियों को इससे अतिरिक्त आमदनी हो सके.’ विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से आए शरणार्थियों के दावों का निपटारा करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा ‘1947 के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के शरणार्थियों के दावों का निपटारा किया जाएगा ताकि वे और अधिक समय तक शरणार्थी न बने रहें. हम 1965 और 1971 के शरणार्थियों को भी मुआवजा देंगे.’
सुषमा ने कहा कि सरकार उन लोगों को स्वामित्व का अधिकार देगी जो लोग राज्य में छोड़ी गई संपत्ति में रह रहे हैं. मतदाताओं से अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान की अपील करते हुए सुषमा ने कहा कि राज्य में विकास के लिए बीजेपी को मौका दिया जाना चाहिए.
इस बीच, नगरोटा में एक अन्य चुनावी रैली में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मतदाताओं से ‘वंशवादी शासन’ समाप्त करने की अपील की. उन्होंने कहा ‘राज्य से पिता पुत्र और पिता पुत्री का वंशवादी शासन खत्म करने का समय आ गया है.’ स्मृति ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी ने राज्य की जनता के लिए कुछ नहीं किया और अब राज्य की भ्रष्ट सरकार को हटाने का समय आ गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि एक के बाद एक सरकारों ने राज्य के विकास के लिए दिए गए करोड़ों रुपये का दुरूपयोग किया.
IANS से इनपुट