पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और दाऊद के समधी जावेद मियांदाद को वीजा दिये जाने पर सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है. खुद कांग्रेस के ही नेता कह रहे हैं कि सरकार के इस फैसले से देश में गलत संदेश जा सकता है.
बीजेपी शिवसेना से लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं तक का मानना है कि दाऊद के समधी को वीजा देने का फैसला ठीक नहीं है. उत्तर प्रदेश से कांग्रेस सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि भारत में मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी के रिश्तेदार को वीजा देने से लोगों की भावनाएं आहत होंगी. उन्होंने कहा, 'दाऊद मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी है. ऐसे में उसके किसी रिश्तेदार को भारत आने का वीजा देना ठीक नहीं है.'
वहीं शिवसेना ने भी मियांदाद को वीजा देने के भारत सरकार के फैसले को गलत ठहराया. शिवसेना के मुताबिक मियांदाद को वीजा देने का मतलब है कि दाऊद को ही वीजा दे दिया है. शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा, 'ऐसा लगता है कि दाऊद ने सरकार को खरीद लिया है. मियांदाद को वीजा देने की जांच होनी चाहिए.'
इसके साथ ही बीजेपी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने भी मियांदाद के भारत आने का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि मोस्ट वॉन्टेड आतंकी के रिश्तेदार को भारत आने का वीजा देना गलत है.
मियांदाद को वीजा दिए जाने पर चल रहे सियासी घमासान के बीच सीपीआई ने भी जोरदार विरोध किया. सीपीआई नेता अतुल अंजान ने कहा, 'मियांदाद सिर्फ क्रिकेटर नहीं, अंडरवर्ल्ड डॉन का समधी भी है. उसे भारत आने का वीजा नहीं मिलना चाहिए.'
वहीं मियांदाद को भारत का वीजा दिये जाने का बचाव करते हुए सरकार ने कहा कि गृह मंत्रालय ने उचित प्रक्रियाओं का पालन किया है. विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘यह गृह मंत्रालय और सरकार द्वारा लिया गया फैसला है. क्या परिस्थिति हैं, मंजूरी देते समय किस पर विचार किया जाता है, किन बातों का ध्यान रखा जाता है. यह सरकार का आंतरिक मामला है.’