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पंचायतों में महिलाओं को मिल सकता है 50 फीसदी आरक्षण

संविधान में किए गए 73वें संशोधन के आधार पर पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिल रहा है.

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सरकार पंचायतों में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के लिए संसद के आगामी बजट सत्र में संशोधनों पर जोर देगी. इसके साथ ही सरकार महिला उम्मीदवारों के लिए वार्ड में आरक्षण वर्तमान के एक कार्यकाल से दो कार्यकाल करने पर विचार कर रही है.

‘पीईएसए अधिनियम का कार्यान्वयन: मुद्दे और आगे की दिशा’ पर दो दिनों की नेशनल वर्कशॉप के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार 23 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में संशोधनों पर जोर दे सकती है.

महिला उम्मीदवारों को बढ़ावा देने की कोशिश
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इस समय पंचायत चुनावों में वार्ड महिला उम्मीदवारों के लिए पांच साल के लिए आरक्षित होते हैं. हम इसे बढ़ाकर दो कार्यकाल करने की योजना बना रहे हैं ताकि महिला उम्मीदवारों को सार्वजनिक कायों के लिए उत्साहित किया जाए और उनके नेतृत्व को भी मजबूत किया जा सके.’

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उन्होंने पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के प्रस्तावित सांवैधानिक संशोधन को लेकर कहा, ‘हमें आगामी बजट सत्र में संशोधन पेश करने की उम्मीद है.’ ग्रामीण विकास, पेयजल और स्वच्छता मंत्री ने कहा कि संभवत: कोई भी राजनीतिक दल इसका विरोध नहीं करेगा.

विधवा पेंशन की उम्र को लेकर भी विचार
संविधान में किए गए 73वें संशोधन के मुताबिक, पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिल रहा है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार विधवा पेंशन के लिए उम्र सीमा को लेकर भी विचार कर रही है. अब तक के नियमों के मुताबिक, 40 साल से ऊपर की विधवा महिलाएं पेशन के योग्य हैं. हालांकि उन्होंने इस प्लान के बारे में ज्यादा कुछ कहने से मना कर दिया.

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