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राम माधव की साफ-साफ, ये थी सिर्फ समन्‍वय मीटिंग, OROP पर सरकार ही लेगी फैसला

दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के समन्वय समिति की पहले दिन की बैठक खत्म हो गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने बताया कि बैठक में सरकार के काम की समीक्षा नहीं की गई और न ही राम मंदिर जैसे मसलों पर चर्चा हुई. यही नहीं, उन्होंने दो टूक कहा कि OROP पर सरकार ही फैसला लेगी.

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बीजेपी के राष्ट्रीय मासचिव राम माधव
बीजेपी के राष्ट्रीय मासचिव राम माधव

दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के समन्वय समिति की पहले दिन की बैठक खत्म हो गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने बताया कि बैठक में सरकार के काम की समीक्षा नहीं की गई और न ही राम मंदिर जैसे मसलों पर चर्चा हुई. यही नहीं, उन्होंने दो टूक कहा कि OROP पर सरकार ही फैसला लेगी.

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राम माधव ने कहा, 'लंबे समय से समन्वय समिति की बैठक नहीं हुई थी. इस बैठक में सरकार के कामकाज की समीक्षा जैसी कोई बात नहीं हुई. हां, कुछ मुद्दों पर बात जरूर हुई, लेकिन इनमें वन रैंक, वन पेंशन और राम मंदिर जैसे मामले शामिल नहीं हैं.'

बीजेपी नेता ने आगे कहा कि वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा पूरी तरह नीतिगत है और सरकार इस ओर अपना काम कर रही है. राम माधव ने बताया कि राम मंदिर कहीं से भी बैठक एजेंडा नहीं है. ऐसे में इस ओर बात करने का कोई लाभ नहीं है.

विश्व हिंदू परिषद ने उठाया मंदिर का मुद्दा: सूत्र
हालांकि, आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में VHP ने कहा कि राम मंदिर मसले पर लोगों के बीच गलत मैसेज जा रहा है इसलिए सरकार को इस पर पॉजिटिव तरीके से आगे बढ़ना चाहिए, जिससे लोगों में कोई गलतफहमी न रहे. RSS प्रमुख मोहन भागवत समेत संघ के तमाम बड़े नेता इसमें शि‍रकत कर रहे हैं. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की उम्मीद है, लेकिन पहले दिन की बैठक में वो शामिल नहीं हुए.

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इन मुद्दों पर चर्चा!
समझा जा रहा है कि बैठक में जम्मू-कश्मीर सरकार और धारा 370 को लेकर भी चर्चा हुई. मीटिंग में जनगणना के आंकड़ों और हिंदूवादी संगठनों की पहुंच के मुद्दे पर भी चर्चा हुई है. यह बैठक विवादास्पद भूमि विधेयक और बिहार चुनाव को लेकर तीखे टकराव की पृष्ठभूमि में हो रही है. हालांकि संघ का औपचारिक तौर यही कहना है कि इसमें तमाम सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होगी.

गौरतलब है कि समन्वय समिति की बैठक साल में दो बार होती है. मौजूदा बैठक कहीं ज्यादा बड़ी होगी, क्योंकि सामान्य स्थिति की तुलना में पदाधिकारियों की संख्या दोगुनी होगी.

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