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समलैंगिकता के मुद्दे पर सरकार ने नहीं बनाई कोई राय: वेंकैया नायडू

नायडू ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘यह एक मानवीय मुद्दा है, हमें इसके कई पहलुओं पर गौर करना होगा और फिर एक राय बनानी होगी. बहस चल रही है.’

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केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू

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समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटाने की मांग के मुद्दे पर चल रही बहस के बीच केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि यह मानवीय मुद्दा है और सरकार ने इस मामले पर कोई राय नहीं बनाई है.

यह मानवीय मुद्दा है: नायडू
नायडू ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘यह एक मानवीय मुद्दा है, हमें इसके कई पहलुओं पर गौर करना होगा और फिर एक राय बनानी होगी. बहस चल रही है.’ उनकी निजी राय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मेरी कोई निजी राय नहीं है क्योंकि एक मंत्री के तौर पर लोगों को निजी राय के बारे में बात नहीं करनी चाहिए.’

चिदंबरम ने SC के फैसले का स्वागत किया
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने समलैंगिक संबंधों पर फैसले पर पुनर्विचार के लिए मामला पांच सदस्यीय पीठ को सौंपे जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला बरकार रखा जाएगा.

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चिदंबरम बोले- यह सिर्फ पहला कदम है
चिदंबरम ने कहा, ‘मैं खुश हूं कि त्रुटि को सुधारा जा रहा है. यह सिर्फ पहला कदम है. मैं उस दिन की ओर देख रहा हूं जब उच्चतम न्यायालय दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखेगा.’ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत स्वेच्छा से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले पर फिर से गौर करने के लिये दायर सुधारात्मक याचिका उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी.

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