केंद्र सरकार ने श्रीलंका मुद्दे पर संसद में प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है. डीएमके द्वारा इस मुद्दे पर यूपीए से समर्थन वापसी के बाद आनन-फानन में कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई जिसमें ये फैसला किया गया है.
सरकार ने ये भी कहा है कि वो श्रीलंका मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों से भी चर्चा करेगी. वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार के पास बहुमत है और उसे कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार डीएमके के दोनों मांगों पर विचार करेगी और श्रीलंका मुद्दे पर संसद में प्रस्ताव लाएगी.
गौरतलब है कि डीएमके ने श्रीलंका मुद्दे पर मंगलवार को समर्थन वापस ले लिया जिससे सरकार पर खतरा पैदा हो गया. डीएमके ने यहां तक कह दिया कि वह बाहर से भी यूपीए को समर्थन नहीं देगी. लोकसभा में डीमके के 18 सांसद हैं.
हालांकि डीएमके प्रमुख करुणानिधि ने कहा, अगर सरकार 21 मार्च से पहले श्रीलंका मुद्दे पर प्रस्ताव लाती है तो डीएमके अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है.
उधर डीएमके द्वारा यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने के मुद्दे पर सिताराम येचुरी ने कहा, सवाल ये है कि डीएमके क्या बाहर से समर्थन करेगी या सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. पहले से ही सरकार अल्पमत में थी, अब और ज्यादा हो गई है. लेकिन उनका रुख अभी भी स्पष्ट नहीं है. येचुरी ने यह भी कहा कि श्रीलंका में तमिलों को स्वायत्तता मिलनी चाहिए.