केंद्रीय विज्ञान तकनीक और पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की प्रयोगशालाओं ने ग्रीन पटाखों का फॉर्मूला तैयार कर लिया है. उन्होंने बताया कि पटाखों में प्रदूषण कैसे कम हो इसके लिए कई एक्सपेरिमेंट किए गए. पिछले 1 साल में 62 लाख रुपये खर्च करके ग्रीन क्रैकर्स तैयार किए गए हैं. आने वाले दिनों में इंडस्ट्री के साथ मिलकर ग्रीन क्रैकर्स का उत्पादन किया जाएगा. जिससे प्रदूषण में काफी हद तक कमी की जा सकेगी.
डॉ हर्षवर्धन ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केजरीवाल दिल्ली के प्रदूषण के मामले में सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. उनको इस राजनीति से बचना चाहिए और जो काम करने का है वो करना चाहिेए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली के प्रदूषण पर नजर रखेगी. डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि हमने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिसकी वजह से प्रदूषण पर नियंत्रण करने में मदद मिली है.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार पर बेवजह निशाना साधते रहते हैं, लेकिन प्रदूषण कैसे कम करें इसके लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं. हर्षवर्धन ने कहा कि हम प्रदूषण को कम करने के लिए तमाम कदम उठा रहे हैं, ग्रीन क्रैकर्स ऐसी ही एक कोशिश का नतीजा है.
ग्रीन क्रैकर्स क्या होते हैं, इस बारे में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के डायरेक्टर डॉक्टर राकेश कुमार और सीनियर साइंटिस्ट साधना रायलू ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि पटाखों में प्रदूषण कम हो इसके लिए कई केमिकल्स में फेरबदल किए जाने का फॉर्मूला तैयार किया गया है.
गौरतलब है कि दिवाली के मद्देनजर पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक तरफ जहां लोगों में बैन हटने की खुशी है तो वहीं पर्यावरण अधिकारी भी इस मामले में संतोष जता रहे हैं.