भोपाल गैस त्रासदी मामले की सुनवाई करने वाली अदालत ने भले ही यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष वॉरेन एंडरसन को भगोड़ा घोषित किया हो, लेकिन जानी-मानी पर्यावरण संस्था ग्रीनपीस ने एंडरसन को न केवल आंखों से देखा, बल्कि उसके बारे में सीबीआई और अदालत को सूचित भी किया था.
ग्रीनपीस की एडवाइजर पॉलिटिकल एसेट्स और जनसंपर्क अधिकारी निर्मला करुणन ने ‘भाषा’ को इस बारे में जानकारी दी.
निर्मला ने बताया कि फोटोग्राफर रघु रॉय की फोटो प्रदर्शनी के दौरान वर्ष 2002 में अमेरिका में संगठन को एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर एंडरसन का पता बताया था.
उन्होंने बताया ‘‘फोन पर मिली सूचना के बाद हम न्यूयार्क स्टेट में वॉरेन एंडरसन के घर गए और हमने उसे देखा. उसकी पत्नी ने बाहर आकर हमसे कहा कि वह घर में नहीं है, लेकिन हमने उसे उसके घर में देखा.’’ ग्रीनपीस कार्यकर्ता ने बताया ‘‘हमने देखा कि हमारे पहुंचने के बाद वॉरेन एंडरसन पीछे के दरवाजे से भाग गया.’’ उन्होंने बताया ‘‘हमने पूरी घटना के बारे में इसके फौरन बाद अमेरिकी अदालत, सीबीआई और भारत की अदालत को भी बताया.’’
निर्मला ने बताया कि इस पूरी घटना के बारे में ग्रीनपीस की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ग्रीनपीस डॉट ओआरजी पर जानकारी भी उपलब्ध है.
गौरतलब है कि भोपाल गैस त्रासदी मामले के मुख्य आरोपी और यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी वॉरेन एंडरसन को फरार घोषित किया जा चुका है. अदालत ने दो बार उसके खिलाफ वारंट जारी किया और उसके प्रत्यर्पण के आदेश भी दिए, लेकिन एंडरसन अदालत में उपस्थित नहीं हुआ.
त्रासदी के लगभग 26 साल बाद कल आए फैसले में एंडरसन के नाम का कहीं जिक्र भी नहीं हुआ और कंपनी के भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों को सजा दी गई.
एंडरसन वर्ष 1986 में कंपनी से सेवानिवृत हो गया. अब लगभग 90 वर्ष का हो चुका एंडरसन अपनी पत्नी लिलियन के साथ न्यूयार्क के ब्रिजहैम्प्टन के पास रह रहा है.