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मोदी के कश्मीर दौरे के ठीक बाद CRPF कैंप पर ग्रेनेड हमला, पुलिस जवान शहीद

जम्मू कश्मीर के नौहट्टा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए ग्रेनेड हमले में एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया. इस हमले में 11 अन्य जवानों के घायल होने की खबर है, इनमें CRPF के चार तथा 7 पुलिस जवान शामिल हैं. इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान चला रही है.

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घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है
घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है

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जम्मू कश्मीर के नौहट्टा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए ग्रेनेड हमले में एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया. इस हमले में 11 अन्य जवानों के घायल होने की खबर है, इनमें CRPF के चार तथा सात पुलिस जवान शामिल हैं. इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान चला रही है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नौहटा इलाके के गंजबख्श पार्क के ठीक सामने आतंकियों ने रविवार शाम करीब 7 बजे पुलिस कैंप पर ग्रेनेड फेंका. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले के वक्त पुलिस वाले अपनी ड्यूटी से वापस लौट रहे थे. घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि कुछ शरारती तत्वों ने उसी इलाके में पुलिस वालों पर पत्थरबाजी भी की.

सीआरपीएफ कैंप पर यह हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू कश्मीर दौरे के ठीक बाद हुआ है. PM मोदी ने यहां जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर चेनानी और नाशिरी के बीच देश की सबसे लंबी सड़क सुरंग का उद्घाटन किया था. वहीं इसके बाद उधमपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि कश्मीर के युवाओं को आतंकवाद और पर्यटन में एक रास्ता चुनना होगा.

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प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों पर पथराव करने वाले नौजवानों को समझाते हुए कहा, मैं कश्मीर के नौजवानों को कहता हूं, पत्थर की ताकत क्या होती है. एक तरफ कुछ नौजवान पत्थर मारने में लगे हैं और कुछ ने पत्थर काट कर यह सुरंग बना दी.

बता दें कि कश्मीर में आए दिन सेना और पुलिस पर पत्थरबाजी की घटनाएं होती हैं. आज तक की खुफिया टीम जब पत्थरबाजों की हकीकत तलाशने कश्मीर पहुंची तो बेहद चौंकाने वाले राज सामने आए. आज तक के खुफिया कैमरे पर भाड़े के इन पत्थरबाजों ने कबूल किया कि पैसे लेकर वो कश्मीर में कहीं भी पत्थर या पेट्रोल बम फेंक सकते हैं. पत्थर फेंकने के बदले इन्हें पैसे, कपड़े और जूते मिलते हैं. ऐसे ही पत्थरबाजों की मिलीभगत से पिछले साल बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद तीन महीने तक पूरा कश्मीर सुलगता रहा था.

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