राज्यसभा में बुधवार को जीएसटी पर चर्चा हुई. चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि क्या जीएसटी के लिए हम तैयार हैं. शर्मा ने सवाल खड़े किए कि जीएसटी के दूरगामी परिणाम क्या होंगे और इससे क्या नफा-नुकसान होगा, इस बात को लेकर स्पष्टता नहीं है. आनंद शर्मा ने ये भी कहा कि जो नियम लोकसभा से पारित हुए हैं, उसमें गुड्स पर टैक्स को लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है. शर्मा ने जीएसटी को उपभोक्ता पर भार बढ़ाने वाला बताया.
EVM पर हंगामा
इससे पहले EVM के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भिंड में ईवीएम से छेड़छाड़ का मामला सदन में उठाया. बसपा प्रमुख मायावती ने भी ईवीएम का मुद्दा उठाकर विपक्ष को समर्थन दिया. मायावती ने कहा कि भिंड में ईवीएम से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. इसकी जांच होनी चाहिए. मायावती ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में शिकायत करेंगे. चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए. इसके बाद सपा नेता रामगोपाल यादव ने भी ईवीएम मुद्दे की जांच कराने की मांग की. कांग्रेस के गुलाब नबी आजाद ने भी मायावती की मांग का समर्थन किया और ईवीएम से चुनाव बंद करने की मांग की.
सरकार का जवाब
विपक्षी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार किया और कहा कि जनता के जनादेश पर सवाल उठा रहे दलों का रवैया ठीक नहीं है. बीजेपी के सदस्यों ने भी विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे जनता पर आरोप लगा रहे हैं. नकवी ने कहा कि 22 मार्च को ईवीएम पर 4 घंटे तक चर्चा हुई. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि चुनाव आयोग ने जांच में पाया कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है. विपक्षी दलों को चुनाव आयोग में अपील करनी चाहिए.
सरकार ने राज्यसभा में जीएसटी बिल को मनी बिल के रुप में पेश किया है. मनी बिल होने के नाते राज्यसभा में संशोधन पारित भी हो जाता है तो दोबारा सरकार बिल को लोकसभा में लाकर इन संशोधन को खारिज करा देगी.
सांसदों को व्हिप
चर्चा में शामिल होने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है. पार्टी सांसदों को दो दिन तक चर्चा के दौरान मौजूद रहने का फरमान जारी किया गया है. दरअसल जीएसटी से जुड़े अहम विधेयक लोकसभा से पारित हो चुके हैं.
राज्यसभा के बाद विधानसभा
राज्यसभा के बाद राज्यों की विधानसभा से जीएसटी बिल को मंजूरी दिलानी होगी. सरकार के लिए ये बड़ी चुनौती है. हालांकि सभी राज्यों से बिल पर चर्चा हो चुकी है. ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि राज्य विधानसभाओं से बिल को अनुमति मिल जाएगी. दरअसल जीएसटी लागू होने की समय सीमा 15 सितंबर है. लेकिन सरकार 1 जुलाई को इसे हर हाल में लागू करना चाहती है.
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लोकसभा में कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
लोकसभा में जीएसटी पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था- जीएसटी कानून पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा उठाया गया गेमचेंजर कानून था. कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने की कोशिशों को तब विपक्ष में बैठी बीजेपी ने बाधित किया जिससे देश को 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मोइली ने कहा कि जीएसटी कानून केन्द्रीय कानून की सबसे बड़ी चोरी का मामला है. मोइली ने ये भी कहा था, यह देश के संघीय ढांचे पर सबसे बड़ा प्रहार है और राज्यसभा के सभी सदस्यों को इसके खिलाफ इस्तीफा दे देना चाहिए.