राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन अपनी रपट पेश कर देगी. सूत्रों के मुताबिक यह समिति राज्यों को सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर स्वयं कर लगाने की मंजूरी देने और जीएसटी के क्रियान्वयन से होने वाले घाटे की क्षतिपूर्ति के लिए अगले पांच सालों तक मुआवजा देने के लिए सरकार से आग्रह कर सकती है.
शुक्रवार को हुई थी बैठक
भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति की बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई थी, जिसमें विधेयक पर चर्चा हुई थी. केंद्र सरकार ने अगले साल अप्रैल महीने से देश की परोक्ष कर व्यवस्था में सुधार के लक्ष्य निर्धारित किए हैं.
राज्यों को मदद का प्रावधान
इससे पहले सरकार ने पहले तीन वर्षो के लिए राज्यों को 100 प्रतिशत मुआवजे का प्रस्ताव रखा था. औद्योगिक विकास को सुविधाजनक बनाने और देश के कारोबारी तंत्र को सुधारने के लिए जीएसटी को मुख्य उत्प्रेरक के रूप में देखा जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उत्पाद शुल्क, सेवा शुल्क, मूल्यवर्धित (वैट) कर और बिक्री कर जैसे अप्रत्यक्ष करों को जीएसटी में शामिल कर एक नई व्यवस्था के तहत देशभर में एक कर प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव रखा गया है.
कानून बनने की लंबी प्रक्रिया
कानून बनने के लिए इस विधेयक का पारित होना एक लंबी प्रक्रिया है. संविधान द्वारा संशोधित विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और अब इसे राज्यसभा से दो-तिहाई बहुमत के साथ पारित होने की जरूरत है.