केंद्र सरकार जीएसटी को लेकर उत्साह में है. वह एक जुलाई को इसे एक मेगा शो की तरह पेश करना चाहती है. लेकिन आम आदमी के लिए यह अभी एक पहेली ही है. जब तक जमीन पर इसके हानि-लाभ समझ में नहीं आएंगे, तब तक वह प्रतिक्रिया नहीं देगा.
लेकिन विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता जीएसटी को लेकर अलग-अलग बयान दे रहे हैं राहुल गांधी और मनीष सिसोदिया के बाद मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पूरे देश में उसी तरह की अराजकता फैल जाएगी जिस तरह नोटबंदी से फैली थी.
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने कहा कि उन्हें पता नहीं कि नई कराधान प्रणाली किस हद तक संगठित रूप से लागू की जा सकेगी. ओवैसी ने कहा कि सरकार जीएसटी बिल को लेकर जल्दबाजी कर रही है. असदुद्दीन ओवैसी का मानना है कि इससे अराजकता होगी जैसे नोटबंदी के समय हुई थी क्योंकि सरकार ने तब भी कोई उचित योजना नहीं बनाई थीइस बार भी, सरकार जल्दबाजी कर रही है.
पिछले साल 8 नवम्बर की मध्यरात्रि को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में चल रहे 500 व 1000 के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसके बाद देश में रातों रात अफरा तफरी का सा माहौल हो गया था लोगों के पास खुले पैसे न होने के कारण 500 के नोट 400 रूप्यों में खुलाने पड़ रहे थे.लोग अपनी नौकरी पर न जाकर बैंको की लाइनों में जाकर कई- कई घंटों में पैसा निकालने में सफल हो रहे थे.
यही वजह है कि ओवैसी को लग रहा है कि फिर से देश में उसी प्रकार की स्थिति न बन जाए.देश में इस समय जीएसटी को लेकर सबसे ज़्यादा व्यापारी लोग परेशान हैं.