पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद कांग्रेस ने जीएसटी के मिडनाइट सेशन के बहिष्कार का फैसला किया है. पार्टी के राज्यसभा में चीफ व्हिप सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि हम आधी रात के जीएसटी कार्यक्रम में हिस्सा लेने नहीं जाएंगे. कांग्रेस पार्टी ने इसके बहिष्कार का फैसला किया है.
जीएसटी शो का वहिष्कार को लेकर बकायदा कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. जिसमें कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश में गोरक्षकों के तांडव पर पीएम मोदी को केवल चिंता जताने से कुछ नहीं होने वाला है, उन्हें सख्त कदम उठाने चाहिए. सरकार केवल दिखावे की कार्रवाई कर रही है. कांग्रेस नेता की मानें तो देश में गाय पालने वालों से खौफ और डर का माहौल है. पीएम मोदी को इस मामले पर बयान देना चाहिए.
बता दें कि टीएमसी और डीएमके द्वारा बॉयकाट का फैसला लिए जाने के बीच कांग्रेस ने गुरुवार को इस बारे में फैसला लिया है.
गौरतलब है कि पार्टी के कई नेताओं का कहना था कि मुख्य विपक्षी पार्टी को भी जीएसटी इवेंट का बॉयकाट करना चाहिए लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में बुलाया गया है. मनमोहन सिंह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करेंगे.
मनमोहन से मिलीं सोनिया गांधी
इसी मामले पर बात करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद ही कांग्रेस ने अपना अंतिम फैसला लिया. पार्टी के दूसरे सीनियर नेताओं का भी मानना है कि व्यापारियों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए पार्टी को जीएसटी के आधी रात वाले कार्यक्रम में नहीं शामिल होना चाहिए.
दिलचस्प ये है कि अन्य मुद्दों की तरह कांग्रेस दूसरी अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ इस मुद्दे पर भी एकमत बनाने की कोशिश कर रही है, जैसा कि वह कई बड़े मसलों पर करती है.
रोहतक में टेक्सटाइल व्यापारियों का प्रदर्शन
इस बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा रोहतक में टेक्सटाइल व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. क्षेत्र के सबसे बड़े कपड़ा बाजार रोहतक में टेक्सटाइल व्यापारी जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी पार्टियां भी इस बात पर विचार कर रही हैं कि जीएसटी की लॉन्चिंग कार्यक्रम में शामिल हुआ जाए या नहीं.
डीएमके ने कहा- दिखावा कर रही सरकार
टीएमसी के साथ जीएसटी लॉचिंग का बॉयकाट करने वाली डीएमके दूसरी पार्टी है. डीएमके सांसद टीकेएस एलनगोवान ने कहा कि पार्टी मानती है कि जीएसटी केवल एक महत्वपूर्ण कानूनी विधान है लेकिन ये सरकार दिखावा कर रही है.
एनसीपी, बीएसपी, सपा और आरजेडी ने भी जीएसटी के लॉन्चिंग कार्यक्रम में शामिल होने पर विचार करने के लिए गुरुवार को बैठक बुलाई है.
जीएसटी पर ममता का फेसबुक पोस्ट
इससे पहले फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने जीएसटी को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की. उन्होंने लिखा कि जीएसटी के लागू होने को लेकर हम बेहद चिंतित हैं. नोटबंदी के बाद गैर जरूरी जल्दबाजी दिखाते हुए केंद्र सरकार एक और बड़ी गलती कर रही है. हम शुरू से ही जीएसटी के समर्थन में हैं, लेकिन हमारी चिंता केंद्र सरकार द्वारा इसे लागू किए जाने के तरीके को लेकर है. हमने केंद्र सरकार को लगातार सुझाव दिए कि वह इसे लागू करने के लिए पूरा टाइम लें, लेकिन उन्होंने हमारी एक न सुनी.
ममता ने कहा कि पूरा बिजनेस समुदाय खासतौर पर छोटे और मध्यम आकार वाले व्यापारी डरे हुए और कंफ्यूज्ड हैं. जीएसटी के लागू किए जाने में अब केवल 60 घंटे बचे हैं और कोई नहीं जानता कि क्या होगा. दवाओं जैसी जरूरी चीजें बाजार में नहीं हैं. अपारदर्शिता और कुप्रबंधन के चलते कई सारी चीजों के दाम बढ़ रहे हैं.
जीएसटी के कार्यक्रम को यादगार बनाने की तैयारी
एनडीए सरकार जीएसटी की लॉन्चिंग को एक यादगार कार्यक्रम बनाने की तैयारी में है. 30 जून की आधी रात एक घंटे के लंबे सत्र में जीएसटी के लागू होने की घोषणा की जाएगी. जीएसटी लागू होने के बाद देश की टैक्स व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी.