देश में एसिड अटैक की बढ़ती घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये और बेलगाम खुली बिक्री पर रोक लगाने के मकसद से दिल्ली सरकार के डिवीजनल कमिश्नर ने गुरुवार को पब्लिक नोटिस जारी किया है. इसमें शैक्षणिक संस्थानों, रिसर्च लैब, हॉस्पिटल, सरकारी विभागों के साथ खुले बाजार में बिक रहे एसिड पर नियंत्रण लगाने के लिए गाइड लाइन दिया गया है.
लैब, हॉस्पिटल, शैक्षणिक संस्थानों के लिए जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक सारी एजेंसियों को रजिस्टर में एसिड के इस्तेमाल के डिटेल को रखना अनिवार्य होगा. इस रजिस्टर को इलाके के एसडीएम के पास भेजना होगा. तमाम एजेंसियों को अपने यहां से एक व्यक्ति को नॉमिनेट करना होगा, जो एसिड की खरीद से लेकर उसके इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार होगा.
इस नॉमिनेटेड व्यक्ति के ही सुपरविजन में एसिड को रखा जाएगा और लैब, संस्थानों के छात्रों या कर्मचारियों के बाहर निकलते समय उनकी चेकिंग होगी. संस्थानों के अलावा बाजार में खुली बिक्री को लेकर भी सख्त गाइड लाइन जारी किया गया है, जिसके अनुसार एसिड की ओवर द काउटंर सेल पर पूरी तरह से रोक होगी. बिक्रेता को बिक्री का सारा डिटेल यानी खरीदने वाले का नाम और पता रजिस्टर पर मेंटेन करना पड़ेगा.
इसके अलावार एसिड खरीदने वाले को अपना फोटो आईडी (सरकार द्वारा जारी) और खरीदने के कारण की जानकारी देनी होगी. बिक्रेता को अपने सारे स्टॉक की जानकारी हर 15 दिन पर एसडीएम को देनी होगी. 18 साल के नीचे की उम्र के किसी व्यक्ति को एसिड नहीं बेची जाएगी. एसडीएम की जांच में अगर किसी बिक्रेता के पास अघोषित स्टाक पाया जाएगा तो 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है.