15 अगस्त के दिन हर हिंदुस्तानी के दिल में देश प्रेम की भावना उमड़ती है और वो आजादी के जश्न में डूब जाता है. ऐसे में चारों तरफ तिरंगे ही तिरंगे नजर आते हैं. लाल किले से लेकर घरों तक हर इंसान तिरंगे के लिए अपना प्यार दिखाता है, लेकिन इस जश्न में कई बार तिरंगे अपमान भी हो जाता है.
2002 में बना कोड ऑफ फ्लैग
दरअसल देश के ध्वज के सम्मान के लिए 2002 में कोड ऑफ फ्लैग बनाया गया था, जिसमें झंडे को कैसे इस्तेमाल करना है इस बारे में गाइडलाइन बनाई गई थी. गृह मंत्रालय ने लोगों से इन गाइडलाइंस का ध्यान रखने को कहा है.
इमारत के सबसे उपरी हिस्से पर हो तिरंगा
इन गाइडलाइंस के मुताबिक झंडे को हमेशा इमारत के सबसे उपरी हिस्से पर होना चाहिेए. बालकनी में इसे लगाना इसका अपमान होता है. अगर तिरंगे को गाड़ी पर लगाना है, तो इसे ड्राइवर की सीट से उपर लगाना चाहिए.
खादी के बने हों झंडे
झंडा सिर्फ खादी से बना होना चाहिए, प्लास्टिक या किसी और चीज से नहीं. इसके अलावा झंडे पर दाग-धब्बे नहीं होने चाहिए. झंडा फटा हुआ भी नहीं होना चाहिए. सूर्य उदय के समय इसे फहराएं और सूर्यास्त से पहले इसे उतार लें. साथ ही झंडे से बने कपड़े ना पहने इसे भी अपमान माना जाता है. किसी भी कीमत पर झंडे को जमीन पर ना गिरने दें.