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किसके आशीर्वाद से नीरव मोदी और चोकसी को संरक्षण दे रही थी गुजरात पुलिस?

गोहिल ने चोकसी के कई बीजेपी नेताओं और फिल्म स्टारों के साथ तस्वीरें भी दिखाईं. गोहिल ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने कई मौकों पर खुले ढंग से गीतांजलि ग्रुप को समर्थन दिया था.

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कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल (फाइल फोटो)

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कांग्रेस का कहना है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने आम लोगों को भी 5000 करोड़ रुपये का चूना लगाया और ये रकम बैंक महाघोटाले की रकम से अलग है. कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल का आरोप है कि गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने धोखाधड़ी वाली निवेश योजनाओं से आम लोगों को 5000 करोड़ रुपये की चपत लगाई.

शुक्रवार को गोहिल ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘भारत की सबसे बड़ी बैंक लूट और भी बड़ी है क्योंकि आम लोगों का भी 5000 करोड़ रुपया अलग से चोरी किया गया. क्या छोटा मोदी (नीरव मोदी) और मेहुल भाई (मेहुल चोकसी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से गुजरात पुलिस की ओर से संरक्षण दिया जा रहा था. नीरव मोदी घोटाले में और खुलासे सामने आए हैं. उसकी ज्वेलरी कंपनी गीतांजलि 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की ओर से आयोजित वाइब्रेंट गुजरात के अहम सहयोगियों में से एक थी.’

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गोहिल ने आरोप लगाया कि चोकसी ने लोगों से निवेश योजना के तहत रकम ली, लेकिन जब तय तिथि आई तो लोगों को जो आभूषण देने का वादा किया गया था वो नहीं दिए गए.

गोहिल ने चोकसी के कई बीजेपी नेताओं और फिल्म स्टारों के साथ तस्वीरें भी दिखाईं. गोहिल ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने कई मौकों पर खुले ढंग से गीतांजलि ग्रुप को समर्थन दिया था.

कांग्रेस प्रवक्ता गोहिल ने कहा, ‘2015 में मेहुल चोकसी की कंपनी के खिलाफ ज्वेलरी स्कीम में धोखाधड़ी को लेकर हलफनामा दायर हुआ था. उसके बाद भी बीजेपी नेता कई मौकों पर उसका साथ देते दिखे. आम आदमी का पैसा लूटा जा रहा था, इसका मतलब ये नहीं कि चौकीदार को पता नहीं था बल्कि चौकीदार भी भागीदार था... चौकीदार को मुद्दे का काफी कुछ पता था.’  

कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक ये पूछा जाना चाहिए कि गुजरात पुलिस 2017 में शिकायतें दर्ज होने के बाद भी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे घोटालेबाजों को क्यों संरक्षण दे रही थी? गोहिल के मुताबिक 7 सितंबर 2015 से ना सिर्फ एक बल्कि कई हलफनामे गुजरात सरकार के नोटिस में आए.

गोहिल ने कहा कि भावनगर पुलिस में 2015 के हलफनामे के आधार पर एफआईआर दाखिल करने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने अज्ञात कारणों से केस को मंजूर नहीं किया.

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