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मेहसाणा से ही अगला चुनाव लड़ेंगे गुजरात के डिप्टी CM नितिन पटेल

मेहसाणा को आंदोलन की मांग कर रहे पाटीदारों का गढ़ माना जाता है. जिस वक्त ये आंदोलन अपने चरम पर था, मेहसाणा में पटेल का दफ्तर भी आग के हवाले कर दिया गया था. ऐसे में सवाल उठ रहा था कि क्या डिप्टी सीएम अपने लिए सुरक्षित सीट चुनेंगे. लेकिन पटेल ने इस ऐलान के साथ ऐसी अटकलों पर विराम लगाया है.

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हार्दिक की चुनौती से कैसे निपटेंगे नितिन पटेल?
हार्दिक की चुनौती से कैसे निपटेंगे नितिन पटेल?

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गुजरात में विधानसभा चुनाव की हलचल तेज हो रही है. डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने ऐलान किया है कि वो मेहसाणा से ही अगला चुनाव लड़ेंगे. मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भी कहा है कि वो विधानसभा चुनाव में राजकोट से ही ताल ठोकेंगे.

पाटीदारों का गढ़ है मेहसाणा
पटेल के इस ऐलान से सियासी गलियारों में कयासों का दौर गर्म हो गया है. मेहसाणा को आंदोलन की मांग कर रहे पाटीदारों का गढ़ माना जाता है. जिस वक्त ये आंदोलन अपने चरम पर था, मेहसाणा में पटेल का दफ्तर भी आग के हवाले कर दिया गया था. ऐसे में सवाल उठ रहा था कि क्या डिप्टी सीएम अपने लिए सुरक्षित सीट चुनेंगे. लेकिन पटेल ने इस ऐलान के साथ ऐसी अटकलों पर विराम लगाया है.

हार्दिक फैक्टर से कैसे निपटेंगे?
मेहसाणा में भले ही नितिन पटेल का अच्छा जनाधार माना जाता है लेकिन पाटीदार नेता हार्दिक पटेल उनके लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं. वो इन दिनों पाटीदार बहुल इलाकों में 'चौक पर चर्चा' और 'आरक्षण नहीं तो बीजेपी नहीं' जैसे जनसंपर्क कार्यक्रमों में मशगूल हैं. सोमवार को हार्दिक पटेल सौराष्ट्र में गोशाला के लिए फंड जुटाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में पांच कांग्रेसी विधायकों के साथ मंच पर नजर आए. हालांकि कांग्रेस ने वायदा किया है कि सत्ता में आने पर पाटीदारों को 20 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. लेकिन पाटीदार चाहते हैं कि कांग्रेस पहले ये सफाई दे कि किस कानूनी प्रावधान के तहत ये वायदा निभाया जाएगा.

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