चुनावी मौसम में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए कांग्रेस ने किया है बड़ा हमला. मोदी सरकार पर लगाए हैं 20 हजार करोड़ का चूना लगाने के आरोप.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि हम केवल तहलका पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट में खड़े किए गए कुछ प्रश्नों को उठा रहे हैं. गुजरात के लोग चाहते हैं कि राज्य सरकार या मुख्यमंत्री इन प्रश्नों पर स्पष्टीकरण दें.
तहलका की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार ने गैस दोहन परियोजना के लिए खड़ा किए गए कोष में बारबादोस स्थित कम्पनी, जियो ग्लोबल को 10 प्रतिशत हिस्सेदारी दे दी. इस कम्पनी का स्वामित्व जीन पॉल रॉय के पास है.
तिवारी ने तहलका की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि उस खास बेसिन में 20 अरब डॉलर कीमत की गैस के अनुमान के आधार पर परियोजना हेतु तकनीकी विशेषज्ञता लाने के लिए जीन पॉल रॉय को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार को तकनीकी विशेषज्ञता के लिए एक और कम्पनी, पेट्रो टेक को भी लाना था और उसे उसने 8.6 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
तिवारी ने सवाल किया कि यह महानुभाव कौन हैं और राज्य सरकार ने कुछ भी न करने के बावजूद उनका पक्ष क्यों लिया? क्या गुजरात के करदाताओं ने उनके लिए कर अदा किया है.
तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को इसलिए उठा रही है, क्योंकि यह प्राकृतिक संसाधन से जुड़ा हुआ मामला है. तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि परियोजना में पांच प्रतिशत हिस्सेदारी मॉरीशस स्थित एक कम्पनी को हस्तांतरित कर दी गई.