कांग्रेस नेता शकील अहमद ने तो अपने बयान पर सफाई दे दी है लेकिन कांग्रेस के ही नेता रशीद मसूद ने सोमवार को आग में घी डालने वाला बयान दे दिया है.
रशीद मसूद ने कहा है कि गुजरात में मुसलमान खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं और जब उन्हें खतरा महसूस होता है तो वे आतंकवाद की ओर कदम बढ़ाते हैं.
शकील अहमद के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए रशीद मसूद ने कहा, 'मैं तो पहले दिन से ये कहता रहा हूं कि गुजरात में जब आदमी असहाय महसूस करने लगता है तो फिर वो करो या मरो की स्थिति में आ जाता है. जिस तरह से पूरी गुजरात सरकार मुस्लिमों के कत्ल में शामिल थी, इसके बाद मुसलमान असहाय और असुरक्षित महसूस करने लगा और फिर आतंकवाद की ओर जाने लगा. यह संभावना हो सकती है. शकीलजी ने जो कहा है यह संभव हो सकता है. बीजेपी सत्ता हासिल करने के लिए जो कर रही है वह देश को नुकसान पहुंचाने वाली चीज है.'
गौरतलब है कि शकील अहमद ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर अपने पोस्ट में लिखा था, 'एनआईए ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन का गठन गुजरात दंगों (2002) के बाद हुआ, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी और आरएसएस अपनी सांप्रदायिक राजनीति नहीं छोड़ रही है.' जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. बीजेपी नेताओं ने शकील अहमद के ट्वीट को मूखर्तापूर्ण दलील करार दिया था.
हालांकि कांग्रेस ने अपने दोनों नेताओं के इस विवादित बयान से पल्ला झाड़ लिया है. पार्टी प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि यह पार्टी की आधिकारिक लाइन नहीं है.
वहीं, शकील अहमद ने सोमवार को अपने ट्वीट पर सफाई दी. उन्होंने लिखा, 'कोई भी समझदार व्यक्ति आईएम या किसी भी अन्य संगठन के आतंकी करतूतों को सही नहीं ठहरा सकता. मैंने तो सिर्फ एनआईए की चार्जशीट एक हिस्से का जिक्र किया था जिसे मीडिया उठाता रहा है.'