उच्चतम न्यायालय में अपनी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के एक दिन बाद गुजरात के आईपीएस अधिकारी पीपी पांडे ने मंगलवार को एक सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. वह इशरत जहां मुठभेड़ मामले में एक आरोपी हैं.
1982 बैच के आईपीएस अधिकारी पांडे मंगलवर को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) एचएस खुटवाड़ की सीबीआई अदालत में पेश हुए और अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.
गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को पीपी पांडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अपने फरार रहने के व्यवहार के चलते वे राहत पाने के हकदार नहीं हैं. उनके खिलाफ इशरत जहां मामले में एक गैर जमानती वारंट जारी है. पांडे को यहां की एक विशेष सीबीआई अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था और गुजरात के पुलिस महानिदेशक अमिताभ पाठक ने उनके बारे में सीआईडी अपराध शाखा से एक रिपोर्ट मांगी थी.
पीपी पांडे उस वक्त अहमदाबाद के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) थे जब मुंबई के छात्र जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई, अमजद अली राणा और जीशान जोहर को अहमदाबाद के पास अपराध शाखा के अधिकारियों ने मार गिराया था.
पीपी पांडे सहित गुजरात के सात पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया और सीबीआई ने उन्हें हत्या एवं आपराधिक साजिश रचने के मामले में आरोपित किया. गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है.