गुजरात को वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल के तौर जाना जाता है. लेकिन गुजरात के खेड़ा जिले में नाएका और भेराई गांव को जोड़ने वाला छोटा ब्रिज करीब दो महीने से टूटा हुआ है.
बता दें कि बच्चों के स्कूल जाने के लिए दूसरा कोई नजदीकी रास्ता नहीं है. इसीलिए बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पिछले दो महीने से 9 फीट ऊंचे नाले पर चढ़कर जा रहे हैं. वहीं इस पर प्रशासन का कहना है कि बारिश की वजह से इस ब्रिज का काम शुरू नहीं हो पाया है.
ना सिर्फ बच्चे बल्कि लोगों को भी इस गांव से बाहर जाने के लिए बीच में बनी केनाल को इसी तरह पार कर जाना पड़ रहा है. प्रशासन में कई बार गांववालों के जरिए दोबारा पुल बनाने के लिए अर्जी दी गई. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण नए पुल के निर्माण में देरी के चलते स्कूल के छात्र और ग्रामीणों को अपनी जान पर खेलकर नाले पर चढ़कर उसे पार करना पड़ रहा है.
Kheda: Locals commute b/w Naika & Bherai village through a bridge that broke down 2 months ago; say, 'if we don't use this bridge, we will have to travel a distance of 10 km instead of 1 km'. Kheda collector IK Patel says, 'construction work will be resumed immediately'. #Gujarat pic.twitter.com/kRyhZ5Po7E
— ANI (@ANI) July 10, 2018
बता दें कि नाएका ओर भेराई गांव के बीच यही एक मार्ग था. पुल टूट जाने की वजह से अब भेराई से नायका जाने वाले लोगों को 10 किलोमीटर लंबा चक्कर काट कर जाना पड़ रहा है. छात्र और ग्रामीण किसान 10 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाने की बजाय अपनी जान पर खेलकर 9 फीट ऊंचे नाले पर चढ़कर दूसरी तरफ जा रहे हैं. प्रशासन का कहना है कि इस पुल को बनाने की अनुमति मिल चुकी है. लेकिन केनाल में पानी बंद न होने की वजह से नये पुल का निर्माण शुरू नहीं हो पाया.