आजतक के दूसरे अहम सत्र किसमें कितना है दम में गुजरात के डिप्टी चीफ मिनिस्टर नितिन भाई पटेल और पूर्व नेता विपक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने की. इस सत्र के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा कि गुजरात की जनता बीजेपी सरकार से तंग आ चुकी है और आगामी चुनावों में वह उसे विपक्ष में भेजने के लिए तैयार है.
अंजना ओम कश्यप ने पूछा कि आखिर क्यों हिमाचल के साथ-साथ गुजरात के चुनाव का ऐलान क्यों नहीं किया. इसपर नितिन भाई पटेल ने कहा कि यह कांग्रेस की समस्या है कि केन्द्र में मोदी सरकार है तो वही चुनाव आयोग उनके निशाने पर है. लेकिन जब यही चुनाव आयोग उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान बहुत अच्छा था.
नितिन पटेल ने कहा कि 1995 से गुजरात में बीजेपी की सरकार है. इस दौरान बीजेपी सरकार ने राज्य में सबसे बेहतर काम किया है. इसका सीधा फायदा गुजरात को मिला है और इसी का नतीजा है कि आज देश के सभी राज्य गुजरात बनना चाहते हैं. कई राज्यों के मुख्यमंत्री अब गुजरात की नीतियों पर चलने की कोशिश कर रही हैं.
इसे भी पढ़ें: EXCLUSIVE: जय शाह की कंपनी पर उठे सवालों पर पहली बार अमित शाह की सफाई
गुजरात के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश में वैट के कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतें तेजी से बढ़ने लगी तब गुजरात ने सबसे पहले वैट में कटौती करते हुए आम आदमी को राहत पहुंचाने का काम किया है. गुजरात के बाद अन्य बीजेपी राज्य इस दिशा में कदम उठा रहे हैं.
गुजरात के उप मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया देश में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के सबसे पहले लागू किया है. बीजेपी सरकार ने नौजवानों, महिलाओं और किसानों के हित को केन्द्र में रखते हुए अपनी नीतियों को बनाया जिसके चलते देश में सबसे बेहतर सुविधाएं अब गुजरात राज्य में मौजूद हैं.
वहीं कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में गुजरात डूब रहा है. राज्य में बीजेपी सरकार की लोकप्रियता बेहद कम हो चुकी है और उन्हें डर है कि वह सरकार से बाहर कर दिए जाएंगे. इसीलिए राज्य ने पेट्रोल और डीजल के दाम को कम करके चुनावों में जीत हासिल करने की कोशिश कर रही है.
गोहिल ने कहा कि बीजेपी का हर नेता बौखलाए हुआ है. वहीं कांग्रेस हार और जीत दोनों देख चुकी है. गोहिल ने अपील की कि गुजरात जाकर आप किसान से पूछिए कि क्या बीजेपी सरकार में उसके लिए कुछ अच्छा हुआ है. दिवाली के वक्त पैसे की जरूरत पड़ती है. इस मौके पर फसल बेची जाती है. बीजेपी सरकार कहती है कि दिवाली के पांच दिन बाद हम खरीदारी करें. गुजरात की आवाम कहती हैं कि गुजरात का विकास पागल हो गया है.