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गुजरात राज्यसभा चुनाव: SC ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस

गुजरात राज्यसभा चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें इलेक्शन पिटिशन जैसी कोई बात नहीं दिखती, ये रिट नहीं है लिहाजा अनुच्छेद 32 के तहत आती है. सुनवाई के दौरान कोर्ट देखेगा कि सीट कैसे खाली हुई ? कैजुअल वैकेंसी है या रेगुलर. सोमवार तक चुनाव आयोग याचिका में उठाए गए मुद्दों पर जारी कोर्ट नोटिस का जवाब दाखिल करेगा.

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सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी.

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गुजरात राज्यसभा चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें इलेक्शन पिटिशन जैसी कोई बात नहीं दिखती, ये रिट नहीं है लिहाजा अनुच्छेद 32 के तहत आती है. सुनवाई के दौरान कोर्ट देखेगा कि सीट कैसे खाली हुई ? कैजुअल वैकेंसी है या रेगुलर.

सोमवार तक चुनाव आयोग याचिका में उठाए गए मुद्दों पर जारी कोर्ट नोटिस का जवाब दाखिल करेगा और मंगलवार को अगली सुनवाई होगी. गुजरात कांग्रेस के नेता विपक्ष परेशभाई धनानी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दो सीटों के लिए जारी चुनाव आयोग की अधिसूचना को चुनौती दी है. उन्होंने अमित शाह और स्मृति ईरानी द्वारा खाली की गई सीटों पर एक साथ चुनाव कराने की मांग की है. उन्होंने याचिका में कहा, एक ही दिन दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना असंवैधानिक और संविधान की भावना के खिलाफ है. गुजरात से राज्यसभा में खाली हुई दो सीटों पर भी 5 जुलाई को चुनाव होंगे.

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 दरसअल चुनाव आयोग की अधिसूचना की मुताबिक अमित शाह को लोकसभा चुनाव जीतने का प्रमाणपत्र 23 मई को ही मिल गया था, जबकि स्मृति ईरानी को 24 मई को मिला. इससे दोनों के चुनाव में एक दिन का अंतर हो गया. इसी आधार पर आयोग ने राज्य की दोनों सीटों को अलग-अलग माना है, लेकिन चुनाव एक ही दिन होंगे. ऐसा होने से अब दोनों सीटों पर बीजेपी को जीत मिल जाएगी, क्योंकि वहां प्रथम वरीयता वोट नए सिरे से तय होंगे.

एक साथ चुनाव होते तो कांग्रेस को एक सीट मिल जाती. संख्या बल के हिसाब से गुजरात में राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 61 वोट चाहिए. एक ही बैलेट पर चुनाव से उम्मीदवार एक ही वोट डाल पाएगा. इस स्थिति में कांग्रेस एक सीट आसानी से निकाल लेती क्योंकि उसके पास 71 विधायक हैं. लेकिन चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, विधायक अलग-अलग वोट करेंगे. ऐसे में उन्हें दो बार वोट करने का मौका मिलेगा. इस तरह बीजेपी के विधायक, जिनकी संख्या 100 से ज्यादा है वे दो बार वोट करके दोनों उम्मीदवारों को जितवा सकते हैं.

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