गोधरा बाद के दंगों की जांच कर रहे नानावती आयोग ने मुख्यमंत्री कार्यालय के तीन अधिकारियों को दंगों के दौरान कुछ आरोपियों से टेलीफोन पर बात करने के संबंध में हलफनामा पेश करने को कहा है.
सेवानिवृत न्यायाधीश जीटी नानावती और अक्षय मेहता वाले आयोग ने शुक्रवार को अपना आदेश जारी किया. यह आदेश एक गैर सरकारी संगठन जनसंघर्ष मंच (जेएसएम) के आवेदन पर जारी किया गया है, जो दंगा पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करता है. जेएसएम ने अपने आवेदन में दावा किया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के तीन अधिकारी दंगों के मामले के कई आरोपियों के लगातार संपर्क में थे, जिनमें विश्व हिंदू परिषद् के पूर्व नेता जयदीप पटेल और बाबू बजरंगी भी शामिल हैं.
संगठन ने आयोग से कहा है कि वह मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अधिकारियों को दंगों और 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस को आग लगाए जाने के संबंध में पूछताछ के लिए सम्मन भेजे. आवेदन पर इस वर्ष जुलाई में सुनवाई पूरी कर चुके जांच दल ने अपना आदेश सुरक्षित रखा है.