कच्छ के सिख किसान अब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बचाव में दिल्ली तक पहुंच गए हैं. करीब 50 सिख किसानों ने दिल्ली में डेरा डाला और उन आरोपों को खारिज कर दिया कि कच्छ से सिख किसानों के साथ गुजरात सरकार अन्याय कर रही है.
किसानों के नेता जुगराज सिंह ने कहा कि किसान वहीं खेती कर रहे हैं और उनका हक नहीं छिना गया है. सिंह ने साफ कहा कि ये किसान पंजाब नहीं लौटने वाले.
दरअसल 784 किसान जिनकी जमीन के दस्तावेज सरकार ने जब्त कर लिए हैं, उनमें से 153 पंजाब, 88 गुजरात और 543 राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों के हैं.
कच्छ से आए सिखों के नेता जुगराज सिंह ने बताया कि जमीनें उन्हीं किसानों की जब्त की गईं हैं जो 1973 के नोटिफिकेशन के मुताबिक नहीं थे. ये नोटिफिकेशन कहता है कि खेती की जमीनें जो अंग्रेजों के जमाने में ली गयीं थीं, उनको खेती के अलावा किसी और काम के लिए खरीदा नहीं जा सकता. पंजाब और हरियाणा के लगभग 550 लोगों को 1964 -84 के बीच पुनर्वास नीति के तहत बसाया गया था.
जाहिर है मोदी के लिए ये राहत की बात है क्योंकि सिखों का मसला अकाली दल से उनके संबंधों को भी बिगाड़ सकता था.