गुजरात में चुनाव तारीखों के ऐलान में देरी को लेकर कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी की केंद्र सरकार जानबूझकर चुनाव तारीखों के ऐलान में देरी कर रही है ताकि लोकलुभावन घोषणाओं के लिए मौका मिल सके. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग ने हिमाचल की तारीख घोषित कर दी. हिमाचल के साथ गुजरात की मतगणना की तारीख भी घोषित कर दी लेकिन मतदान की तारीख का ऐलान क्यों नहीं किया.
कांग्रेस के लीगल डिपार्टमेंट के प्रमुख विवेक तनखा ने बताया, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में 14 बिंदु दिए गए हैं. हमें उम्मीद थी कि चुनाव आयोग से जवाब मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हम कोर्ट के समक्ष गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित नहीं किए जाने के मुद्दे को उठाएंगे.
गुजरात विधानसभा चुनाव में देरी पर उठाए सवाल
कांग्रेस पार्टी ने अपनी याचिका में सवाल उठाए हैं कि क्यों गुजरात चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की गई. साथ ही VVPAT स्लिप की समयसीमा 8 सेकेंड से बढ़ाकर 15 सेकेंड करने की मांग भी की है.
चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण
मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोती ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित गुजरात में राहत कार्य जारी है और ऐसे में काफी संख्या में सरकारी बल इस कार्य में लगा हुआ है. राज्य सरकार के 26443 कर्मचारियों को चुनाव की ड्यूटी में लगाया जाना है. जो स्टाफ अभी राहत कार्य में लगा हुआ है, उसी स्टाफ को चुनाव की ड्यूटी में भी लगाया जाएगा क्योंकि चुनाव आयोग स्टाफ की आपूर्ति नहीं करता है.
Parties and state admin in Himachal had requested EC to organise polls before mid-Nov due to probability of snowfall in 3 dists: CEC to ANI pic.twitter.com/75q5YayqCF
— ANI (@ANI) October 23, 2017
चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक पार्टियों और राज्य प्रशासन ने कुछ जिलों में बर्फबारी की संभावना के मद्देनजर चुनाव आयोग से नवंबर के मध्य में चुनाव कराने की अपील की थी.At a time when restoration work (Gujarat floods) is done,it involves a lot of government force: Chief Election Commissioner Achal Kumar Joti
— ANI (@ANI) October 23, 2017
उन्होंने बताया कि गुजरात विधानसभा चुनाव के मतदान का कार्यक्रम इस तरह से निर्धारित किया जाएगा जिससे हिमाचल प्रदेश के चुनावों के नतीजे आने से पहले ही गुजरात में वोटिंग समाप्त हो जाए. इससे हिमाचल प्रदेश चुनाव के नतीजों का असर गुजरात चुनाव पर नहीं पड़ेगा.
इस मुद्दे पर क्या बोले पीएम मोदी?
चुनाव तारीखों के ऐलान में देरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात में बयान दिया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात विधानसभा के लिए चुनावी कार्यक्रम की घोषणा नहीं करने पर चुनाव आयोग पर सवाल करने पर कांग्रेस की आलोचना की थी. मोदी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संवैधानिक निकाय पर सवाल खड़ा करने का कांग्रेस के पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
गौरतलब है कि 12 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने सिर्फ हिमाचल प्रदेश के लिए विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी. उसने उस दिन गुजरात के लिए विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की थी. आयोग ने बस इतना ही कहा था कि गुजरात में चुनाव 18 दिसंबर से पहले होगा.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम और पार्टी के कई अन्य नेताओं ने इस पर सवालिया निशान खड़ा किया. मोदी ने कहा, ''उनमें (विपक्ष में) से कुछ परेशान हैं कि दीपावली के बाद मोदी क्यों गुजरात आ रहे हैं. वे मुझे कुछ नहीं बोल सकते. इसलिए वे चुनाव आयोग को निशाना बना रहे हैं.’’