जेडीयू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि नरेंद्र मोदी का गुजरात मॉडल देश का मॉडल नहीं बन सकता. मोदी ने ऐसा कुछ नहीं कहा कि वो किसी दायरे में रहने के लिए तैयार हैं. आज तक के 'सीधी बात' कार्यक्रम में राहुल कंवल से विशेष बातचीत में कहा कि नेशनल एंजेडा के दायरे में रहकर अगर कोई भी नेता आता है तो वो उन्हें स्वीकार है. शरद यादव ने कहा कि एनडीए का साथ छोड़कर कांग्रेस के साथ जाने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता.
किसी व्यक्ति विशेष का नाम कभी नहीं लिया
अगर नीतीश कुमार का भाषण सुनें तो लगता है कि वो नहीं चाहते कि मोदी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनें. इस सवाल के जवाब में शरद यादव ने कहा कि मोदी का गुजरात मॉडल देश का मॉडल नहीं बन सकता और नीतीश कुमार ने या मैंने किसी व्यक्ति विशेष का नाम कभी नहीं लिया.
व्यक्ति नहीं नेशनल एजेंडे का सवाल है
आप मोदी को सांप्रदायिक चश्मे से क्यों देखना चाहते है, इस सवाल पर शरद यादव ने कहा कि यहां व्यक्ति का सवाल नहीं है, यहां सवाल नेशनल एंजेडा का है, जिस पर 17 साल से हम कायम हैं. अगर नेशनल एंजेडा के बनाए दायरे को कोई अपनाता है तो उस नेता से हमें कोई एतराज नहीं है.
जब शरद यादव से पूछा गया कि अगर मोदी कहे कि वो इस दायरे में रहने को तैयार है तो क्या तब भी आपको कोई एतराज होगा. इस सवाल पर शरद यादव ने कहा कि मोदी तो इतने दिनों से हैं पर उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा.
हमारी और नीतीश की राय अलग नहीं
शरद यादव से जब पूछा गया कि आपके बयान को सुनकर लगता है कि आप मोदी के लिए सॉफ्ट है और वहीं नीतीश कुमार थोड़े सख्त है. नीतीश एनडीए का साथ छोड़ना चाहते हैं तो शरद यादव उनके साथ रहना. इस पर उन्होंने कहा कि हम लोगों की राय कभी दो नहीं होती. हम तय करके जाते है. ये रेजोल्यूशन मैंने तैयार किया है बिहार की परिस्थितियों के अनुसार उसे इलैबोरेट नीतीश कुमार ने किया है.
हमारी मुख्य मांग विशेष राज्य की है
जब उनसे पूछा गया कि जेडीयू और एनडीए के रिश्ते बिगड़ रहे हैं, वही यूपीए खूब कोशिश कर रही है कि किसी तरह से जेडीयू को पटा लिया जाए. इस पर शरद यादव ने कहा कि पिछली बार पंचवर्षीय योजना में बैकवर्ड रिजन ग्रांड फंड सेंटर बिहार को 5 हजार करोड़ मिला था, इस बार 12 हजार करोड़ रुपये मिला है, जबकि हमने 20 हजार करोड़ रुपये मांगा था और मिले 12 हजार करोड़ को 5 साल में बांट लीजिए तो हिसाब समझ आता है. वैसे भी हमारी मुख्य मांग विशेष राज्य की है.
एनडीए छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता
तो अगर बिहार को सरकार विशेष राज्य को दर्जा देने के लिए तैयार हो जाए तो क्या आप बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का साथ देंगे. इस पर शरद यादव ने कहा कि सवाल ही नहीं उठता क्योंकि बिहार को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग तो देश की मांग है. इसका राजनीतिक अर्थ नहीं हो सकता.
जब उनसे पूछा गया कि बीजेपी के हर नेता का बयान देखकर लगता है कि नरेंन्द्र मोदी सबसे लोकप्रिय नेता है और जब मोदी को नीतीश द्धारा प्रोजेक्ट किया गया तो बीजेपी की पूरी पार्टी लामबंद हो गई. इस पर उन्होंने कहा कि ये बयान हमारे लिए मायने नहीं रखते. हमारा गठबंधन बीजेपी से है. बीजेपी के अध्यक्ष राजनाथ है, उनका रिएक्शन आया है तो बताइए.