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गुजरात मानव कल्याण सूचकांक में पिछड़ा, सिक्किम शीर्ष पर, जिंदल यूनिवर्सिटी ने जारी किया इंडेक्स

देश का प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी का गुजरात मानव विकास संबंधित एक सूचकांक में लगातार पिछड़ता जा रहा है. दूसरी तरफ सिक्किम जैसा छोटा राज्य इस सूचकांक में शीर्ष पर है.

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देश का प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी का गुजरात मानव विकास संबंधित एक सूचकांक में लगातार पिछड़ता जा रहा है. दूसरी तरफ सिक्किम जैसा छोटा राज्य इस सूचकांक में शीर्ष पर है.

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ओ.पी. जिंदल ग्लोबल युनिवर्सिटी ने गुरुवार को नीति प्रभावोत्पादकता सूचकांक जारी करते हुए कहा, 'गुजरात 1981 में 35 (राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों) राज्यों में 10वें स्थान पर था, जो 2001 में 17 पर चला गया और 2011 में 24वें स्थान पर चला गया.'

विश्वविद्यालय के भारत लोकनीति रिपोर्ट 2014 (आईपीपीआर) के तहत जारी रिपोर्ट में राज्यों का मूल्यांकन नीतियों के चलते हुए विकास के आधार पर किया गया है. पहली आईपीपीआर को योजना आयोग के सदस्य अभिजीत सेन ने जारी किया. गुजरात की गिरती रैंकिंग पर सेन ने कहा, 'ऐसा इसलिए नहीं हुआ है, क्योंकि गुजरात में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खराब काम किया गया है, बल्कि दूसरे राज्यों ने इस क्षेत्र में बेहतर कार्य काम किए हैं'

इस अवसर पर मौजूद निर्णायकों में यूनिसेफ इंडिया के सलाहकार ए.के. शिवा कुमार ने कहा, 'शत प्रतिशत सफाई व्यवस्था वाले सिक्किम में डायरिया के बेहद कम मामले सामने आए हैं'.

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रिपोर्ट में तीन दशकों का विश्लेषण किया गया है सूचकांक में अव्वल रहे पांच राज्य हैं सिक्किम, मिजोरम, गोवा, पंजाब और दिल्ली. सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में हैं ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल. सूचकांक में केरल भी 1981 से 2011 के बीच 24वें से उतर कर 29वें स्थान पर आ गया है. इसमें जम्मू कश्मीर में सुधार दर्ज किया गया है.

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