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मानसून सत्र में जीएसटी बिल पर नरम होगी कांग्रेस, सोनिया-राहुल से मिले आजाद

संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस जीएसटी बिल को लेकर नरम पड़ सकती है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद की अहम मुलाकात के बाद ऐसे संकेत सामने आए हैं.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी

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संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस जीएसटी बिल को लेकर नरम पड़ सकती है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद की अहम मुलाकात के बाद ऐसे संकेत सामने आए हैं.

बैठक में शामिल हुईं प्रियंका गांधी
जानकारी के मुताबिक 10 जनपथ पर इस अहम मीटिंग में कुछ देर के लिए प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं. मीटिंग में यूपी चुनाव के साथ ही जीएसटी बिल पर खास चर्चा की गई. आजाद मंगलवार को जीएसटी पर पार्टी की लाइन के बारे में बयान दे सकते हैं.

कांग्रेस चाहेगी सरकार से सुधार की गारंटी
मानसून सत्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस जीएसटी बिल को लेकर अपनी मुख्य मांग 18 फीसद टैक्स रेट पर कैप को संवैधानिक संशोधन में रखने पर नरम पड़ सकती है. हालांकि कांग्रेस अपनी मांगों पर सरकार से टैक्स रेट पर गारंटी चाहेगी.

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जीएसटी बिल पर कांग्रेस की तीन बड़ी मांगें
कांग्रेस ने जीएसटी बिल पर अपनी तीन मांगें रखी हैं. पहला, जीएसटी पर संवैधानिक संशोधन बिल में ही टैक्स रेट का कैप 18 प्रतिशत निर्धारित किया जाए. दूसरा, जीएसटी विवादों के निपटारे के लिए प्राधिकरण का गठन हो. और तीसरा, उत्पादक राज्यों पर अतिरिक्त एक फीसदी टैक्स को वापस लिया जाए.

कांग्रेस क्यों पड़ी नरम?
कांग्रेस की इन तीन मांगों की वजह से जीएसटी बिल कई संसद के सत्रों में पारित नहीं हो सका. कांग्रेस के रुख में बदलाव की वजह हाल के चुनावों में कांग्रेस की हार और राजनीतिक रूप से राज्यसभा में पार्टी का कमजोर होना माना जा रहा है.

क्या निकल सकता है बीच का रास्ता
सरकार की तरफ से जीएसटी पर गतिरोध खत्म करने के लिए कांग्रेस नेताओं से वित्त मंत्री अरुण जेटली और संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार का बातचीत करना तय माना जा रहा है. कांग्रेस की पहली और मुख्य मांग पर सरकार की तरफ से दो विकल्प रखे जा सकते हैं. या तो जीएसटी रेट को बिल के सहायक नियमों में शामिल किया जा सकता है या फिर जीएसटी रेट की सीमा को जीएसटी बिल में रखा जा सकता है.

खड़गे बोले- सरकार से सहमति के करीब
सरकार को उम्मीद है कि संसद के मानसून सत्र में सबका सहयोग लेकर लंबे समय से अधर में लटके जीएसटी बिल को पारित करा लिया जाएगा. लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का इस मामले पर कहना है कि दो मांगों पर तो हमारे और सरकार के बीच करीब-करीब सहमति बन रही है. अब मामला 18 फीसद कैप का है, तो हम अपनी राय सरकार पूछेगी तो बता देंगे.

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जीएसटी एक संवैधानिक संशोधन बिल है. ऐसे में राज्यसभा ऑर्डर में रहे और ज्यादातर लोगों का समर्थन हासिल हो, इसलिए सरकार के लिए जरूरी है कि कांग्रेस का समर्थन जीएसटी पर हासिल हो.

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