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'मैं अस्सी का हो ही न पाता, तुस्सीं हो तो मैं अस्सी का हूं!' शुक्रिया कहने का गुलजार अंदाज

गुलजार साहब की इसी अदा पर उनके हजारों चाहने वाले कुर्बान हुए जाते हैं. जीवन के 80 बसंत पूरे करने पर दुनिया भर से मिले बधाई संदेशों का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने एक थैंक्यू नोट लिखा और उसे अपनी आवाज दी.

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गुलजार साहब
गुलजार साहब

गुलजार साहब की इसी अदा पर उनके हजारों चाहने वाले कुर्बान हो जाते हैं. जीवन के 80 बसंत पूरे करने पर दुनिया भर से मिले बधाई संदेशों का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने एक थैंक्यू नोट लिखा और उसे अपनी आवाज दी. ये नोट कुछ यूं है.

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मैं कुछ न करता तो भी यही होता - अस्सी का हो जाता!
मगर ये न होता जो बेशुमार दोस्तों से, चाहने वालों से
बेशुमार दुआएं और मुबारकबादें मिली हैं!
हालांकि बहुत मुमकिन है,
कि हर बरस अगर दुआयें न मिलतीं तो..
मैं अस्सी का हो ही न पाता
तुस्सीं हो तो मैं अस्सी का हूं!

यह थैक्यूं नोट इमेज और ऑडियो वर्जन की शक्ल में गुलजार साहब के फेसबुक पेज पर लगा है.

गुलजार साहब अपनी आवाज में शुक्रिया कहते हुए. सुनिए ना.

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