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साहित्यकारों के साथ गुलजार, बोले- अभिव्यक्ति पर ऐसा पहरा पहले कभी नहीं देखा

दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित और हिन्दी सिनेमा के मशहूर गीतकार गुलजार का भी समर्थन पुरस्कार लौटाने वाले लेखकों को मिल गया है.

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Gulzar
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दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित और हिन्दी सिनेमा के मशहूर गीतकार गुलजार का भी समर्थन पुरस्कार लौटाने वाले लेखकों को मिल गया है.

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गुलजार ने साहित्यकारों के अकादमी पुरस्कार लौटने पर कहा है कि लेखक क्या राजनीति करेंगे, उनके पास पुरस्कार लौटने के अलावा विरोध करने का कोई और जरिया नहीं था.

उन्होंने कहा कि लेखक क्यों राजनीति करेंगे, लेखक तो समाज के जमीर को संभालने वाले होते हैं. वहीं, उनका यह भी कहना था कि हमें यह पुरस्कार सरकार को लौटाना चाहिए लेकिन यह पुरस्कार सरकार से संबंधित नहीं है. इसे लौटाना एक विरोध प्रदर्शन है.

 

 

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बारे में उनका कहना है कि देश में पहले ऐसा माहौल नहीं था कि नाम पूछने से पहले लोगों का धर्म पूछा जाए. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि मैं वैसे लोगों से मिलना चाहूंगा जिनको राम राज्य मिल गया हो.

 

 

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मौजूदा हत्याओं के बारे में उनका कहना था कि इसमें साहित्य अकादमी का दोष नहीं है, वो सरकार में से निकला हुआ दोष है.

 

 

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