scorecardresearch
 

गुर्जर आंदोलन: धौलपुर में आंदोलनकारियों ने पुलिस पर किया पथराव, 55 ट्रेनें रद्द

गुर्जर आरक्षण आंदोलन के कारण राजस्थान में 55 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है.

Advertisement
X
अजमेर में आंदोलनकारी
अजमेर में आंदोलनकारी

Advertisement

गुर्जर आरक्षण आंदोलन के बीच आंदोलनकारियों ने राजस्थान के कई हिस्सों में बवाल किया. रविवार को धौलपुर जिले में आगरा-मुरैना हाईवे को बंद करने के मकसद से वे बीच सड़क पर बैठ गए. इसके बाद उन्हें हटाने पहुंची पुलिस पर भी उन्होंने हमला कर दिया. इस दौरान भीड़ हिंसक हो गई और पुलिस पर पथराव किया, जिसमें पुलिस के चार जवान घायल हो गए.

यही नहीं, उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के 3 गाड़ियों में आग लगा दी. जिसके बाद पुलिस ने फोर्स बुलाकर हाईवे को खाली करवाया. धौलपुर के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा, 'कुछ असामाजिक तत्वों ने आगरा मुरैना हाईवे को बंद कर दिया. कुछ हुड़दंगियों ने हवा में गोलियां चलाईं. इन लोगों ने पुलिस की एक बस सहित 3 वाहनों को आग के हवाले कर दिया.'

सिंह के अनुसार इस दौरान हुए पथराव में 4 जवानों को चोट आईं, जिसके बाद उन्हें प्राथमिक जांच के लिए भेज दिया गया. उन्होंने कहा, 'पुलिस ने आंदोलनकारियों को खदेड़ने के लिए हवा में गोलियां चलाईं. लगभग 1 घंटे के बाद इस राजमार्ग पर यातायात बहाल कर दिया गया.' धौलपुर के अलावा राजस्थान के अजमेर में भी एनएच 8 पर गुर्जरों ने जाम लगाया. कोटा-जयपुर हाईवे पर भी बूंदी में सड़क जाम करने की कोशिश की.

Advertisement

उधर, बैंसला मलारना में मुंबई-दिल्ली रेल ट्रैक जाम करके पिछले तीन दिनों से धरने पर हैं. इस आंदोलन के कारण कई ट्रेनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा है. कोटा डिवीजन की 55 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है वहीं 18 ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि आंदोलन के कारण उदयपुर से हजरत निजामुद्दीन और हजरत निजामुद्दीन से उदयपुर के बीच चलने वाली रेलगाड़ी को भी रद्द कर दिया गया है. वहीं इसी खंड में 7 ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है और 2 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया गया है.

बता दें कि शनिवार को राजस्थान सरकार ने बैंसला से बातचीत के लिए मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल को भेजा था. इसमें मंत्री बिश्वेन्द्र सिंह भी शामिल थे. उन्होंने बैंसला को कहा कि आप 10 लोगों के एक समूह को भेजिए जिससे सरकार बात कर सकें.

लेकिन विश्वेन्द्र सिंह मंत्री ने सरकार के इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया और यह बैठक बेनतीजा रही. बैंसला ने बिश्वेन्द्र सिंह के माध्यम से सरकार के सामने अपनी मांग रखी और कहा कि बातचीत के लिए सरकार को पटरी पर ही आना होगा. शुक्रवार शाम को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्‍थानों में प्रवेश में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर नेता सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए. इसके बाद से पूरे राजस्थान में गुर्जर आंदोलन फैला.

Advertisement

Advertisement
Advertisement