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गुरमेहर का वीरू को जवाब- जिनके लिए हम मैच में चिल्लाते हैं वो हमें ट्रोल करते हैं

डीयू की छात्रा और करगिल युद्ध के शहीद की बेटी गुरमेहर कौर ने अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू और पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग को जवाब दिया है. किरन रिजिजू ने गुरमेहर पर निशाना साधते हुए कहा था कि कोई गुरमेहर के दिमाग में जहर भर रहा है. पलटवार करते हुए गुरमेहर ने कहा है कि मेरे पास दिमाग है. कोई भी इसमें जहर नहीं भर रहा है.

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गुरमेहर कौर
गुरमेहर कौर

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दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में ABVP और AISA के बीच हिंसक भिड़ंत के बाद उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. डीयू की छात्रा और करगिल युद्ध के शहीद की बेटी गुरमेहर कौर ने अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू और पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग को जवाब दिया है. किरन रिजिजू ने गुरमेहर पर निशाना साधते हुए कहा था कि कोई गुरमेहर के दिमाग में जहर भर रहा है. पलटवार करते हुए गुरमेहर ने कहा है कि मेरे पास दिमाग है. कोई भी इसमें जहर नहीं भर रहा है.

वहीं वीरेंद्र सहवाग को जवाब देते हुए गुरमेहर ने कहा कि जिन लोगों के लिए हम मैच में चिल्लाते हैं और वे आपको ट्रोल करते हैं. सहवाग ने इस पूरे विवाद पर ट्वीट किया था, जिसमें वो गुरमेहर के अंदाज में कहते हैं- दो तिहरे शतक मैंने नहीं, मेरे बल्ले ने बनाए हैं. दरअसल गुरमेहर ने तस्वीर पोस्ट की थी- पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा, जंग ने उन्हें मारा है. सहवाग के ट्वीट को इसी का जवाब माना गया.

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राहुल का मिला समर्थन
सोमवार को गुरमेहर कौर के समर्थन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुलकर आ गए. राहुल गांधी ने ट्वीट कर गुरमेहर को अपना समर्थन दिया. राहुल ने कहा कि भय और अत्याचार के खिलाफ हम अपने छात्रों के साथ खड़े हैं. असहिष्णुता और अन्याय के खिलाफ उठी हर आवाज में गुरमेहर कौर होगी.

नायडू ने कहा- छात्रों को भड़काया जा रहा
वहीं इस पूरे विवाद पर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि अलगाववाद का समर्थन कोई कैसे कर सकता है? जम्मू-कश्मीर की आजादी के नारे कैसे लगाने दिए जा सकते हैं. जिन लोगों ने आपातकाल लगाया, जिन लोगों ने मीडिया पर सेंसर लगाया और जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट की शक्ति घटाने की कोशिश की, वे हमें उपदेश दे रहे हैं. कैंपसों में जाकर राजनीति की जा रही है और छात्रों को भड़काया जा रहा है, यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. दूसरों की भावनाओं को आहत करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में शामिल नहीं है. असहमति का स्वागत है लेकिन अलगाववाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

क्यों चर्चा में आईं गुरमेहर?
दरअसल गुरमेहर कौर पिछले चार दिनों से सोशल मीडिया पर चर्चित हैं. रामजस कॉलेज में उमर खालिद के विरोध में छात्रों की झड़प के बाद वो लगातार एबीवीपी के खिलाफ कैंपेन चला रही हैं, उनकी दलील है कि वो तंग सोच की सियासी विचारधारा को दिल्ली विश्वविद्यालय में पनपने नहीं देंगी. गुरमेहर के अभियान समर्थन के साथ-साथ विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है.

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उमर खालिद को लेकर पूरा बवाल
गौरतलब है कि बीते बुधवार को रामजस कॉलेज के सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को वक्ता के तौर पर बुलाए जाने का एबीवीपी के छात्र विरोध करने पहुंचे थे. विरोध हिंसक होने पर करीब 20 छात्र घायल हो गए थे. उमर खालिद राजद्रोह के मामले में आरोपी है. डीयू की छात्रा गुरमेहर ने 140 शब्दों के फेसबुक पोस्ट में पूरे मामले का जिक्र किया था. गुरमेहर का फेसबुक कैंपेने सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. गुरमेहर कौर के पिता मंदीप सिंह सेना में कैप्टेन थे और 1999 में करगिल की लड़ाई में शहीद हो गए थे.

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