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सरकारी आदेश ताक पर, यहां धड़ल्ले से बिक रहा है गुटखा

मध्य प्रदेश सरकार ने भले ही तम्बाकू युक्त गुटखों के उत्पादन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया हो, लेकिन उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़ में निर्मित गुटखे सीमावर्ती आधा दर्जन जिलों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से बिक रहे हैं और वह भी दोगुने-तिगुने दामों पर.

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मध्य प्रदेश सरकार ने भले ही तम्बाकू युक्त गुटखों के उत्पादन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया हो, लेकिन उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़ में निर्मित गुटखे सीमावर्ती आधा दर्जन जिलों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से बिक रहे हैं और वह भी दोगुने-तिगुने दामों पर.

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शिवराज सिंह चौहान सरकार ने तम्बाकू युक्त गुटखों के उत्पादन और बिक्री पर कुछ माह पूर्व पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. प्रतिबंध से भले ही इस प्रदेश में गुटखों का उत्पादन बंद हो गया हो, लेकिन बिक्री पर अभी भी रोक नहीं लग पाई है. उत्तर प्रदेश से सटे मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों रीवा, सतना, जबलपुर, पन्ना, छतरपुर और टीकमगढ़ के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में तम्बाकू युक्त इन गुटखों की बिक्री धड़ल्ले से जारी है.

मध्य प्रदेश में एक दर्जन गुटखा उत्पादों की थोक और फुटकर बिक्री छोटी-बड़ी दुकानों से सरेआम हो रही है और इनमें कुछ ऐसे उत्पाद भी हैं जिनमें पंजीयन तिथि और संख्या का उल्लेख नहीं है. हां, वैधानिक चेतावनी 'तम्बाकू जानलेवा है' जरूर अंकित है. पाउच पर मूल्य एक रुपया दर्ज है, पर दुकानदार इसे कुछ स्थानों पर दो रुपये में तो कुछ स्थानों पर तीन रुपये में भी बेच रहे हैं.

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कटनी में नीरज टाकीज के पास वाले मुहल्ले गोपाल बाग के फुटकर व्यवसायी सत्येंद्र बड़गइयां ने बताया, 'जर्दा वाला गुटखा उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से चोरी छिपे थोक व्यापारी खरीदते हैं और ऊंचे दामों में फुटकर दुकानदारों को उपलब्ध कराते हैं.' नीरज टाकीज के बगल में पान की गुमटी चलाने वाले अशोक तिवारी बताते हैं कि नशे के आदी लोग दोगुनी-तिगुनी कीमतें देकर भी इसे खा रहे हैं. कटनी रेलवे स्टेशन के पास ऑटो रिक्शा चलाने वाले शहजाद का कहना है कि गुटखों के उत्पादन और बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध का कोई खास असर नहीं है. केवल उत्पादन बंद है और बिक्री पूर्व की भांति ही हो रही है.

कटनी के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी का कहना है, 'हो सकता है कि कुछ व्यापारी या दुकानदार चोरी छिपे तम्बाकू युक्त गुटखे बेच रहे हों, पर अभी तक किसी ने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई है.' ऐसा नहीं है कि गुटखों को लेकर यह स्थिति सिर्फ कटनी में ही है. कमोबेश पूरे प्रदेश में इसी प्रकार सरकारी आदेश को ताक पर रख गुटखों की बिक्री जारी है और प्रशासन है कि उसके पास मजबूरियों का रोना रोने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

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