पुलवामा हमले के बाद सोशल मीडिया पर भारतीय सुरक्षा बलों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने वाली गुवाहाटी की एक महिला प्रोफेसर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गुवाहाटी के आइकॉन कॉमर्स कॉलेज में इंग्लिश डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर पपरी जेड. बनर्जी ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर लगातार भारतीय सैनिकों के बारे में विवादास्पद टिप्पणियां की थीं. कॉलेज प्रशासन ने भी उन्हें मामले की जांच चलने तक सस्पेंड कर दिया है.
गौरतलब है कि कश्मीर के पुलवामा में हुए भीषण आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए, जिसके बाद देश भर में आक्रोश का माहौल है. पुलमावा में आतंकियों के कायराना हरकत के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. ऐसे में सुरक्षा बलों पर प्रोफेसर की अभद्र टिप्पणी को लेकर लोग काफी गुस्से में आ गए. प्रोफेसर बनर्जी ने 15 फरवरी को अपने एक पोस्ट पर लिखा, 'आतंकवाद इस्लामी हो सकता है, लेकिन कर्म बिल्कुल भारतीय अवधारणा है.'
पुलवामा के शहीदों को यहां दें श्रद्धांजलि
असिस्टेंट प्रोफेसर पपरी जे. बनर्जी ने अपने फेसुबक पोस्ट में लिखा था, '45 युवा बहादुर कल मारे गए. यह कोई जंग नहीं है. उन्हें तो लड़ने का मौका ही नहीं दिया गया. यह उच्च स्तर की कायरना हरकता है. इसने हर भारतीय का दिल तोड़ दिया है. लेकिन, लेकिन, लेकिन, क्या सुरक्षा बलों ने घाटी में यही काम नहीं किया है! आपने उनकी औरतों से बलात्कार किया...आपने उनके बच्चों को अपंग बताया, उनकी हत्या की...आपने उनके मर्दों का वध किया...आपकी मीडिया लगातार उन्हें राक्षस साबित करने पर तुली है... और आपको लगता है कि इसका प्रतिकार नहीं होगा? क्या आप जानते हैं? आतंकवाद इस्लामी हो सकता है, लेकिन कर्म बहुत भारतीय, सनातन अवधारणा है...'
प्रोफेसर की इस टिप्पणी के बाद लोग काफी नाराज होने लगे और उनकी गिरफ्तारी की मांग बढ़ने लगी. इसकी काफी आलोचना हुई और लोग इसे सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे.
बढ़ते दबाव को देखते हुए असम पुलिस ने गुवाहाटी के चंदमारी पुलिस स्टेशन में लेडी प्रोफेसर के खिलाफ मामला दर्ज किया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
कश्मीर में सीआरपीएफ के जवानों पर आतंकी हमले के बाद देश भर का माहौल संवदेनशील है. एक तरफ जहां देशभक्ति, आक्रोश और गुस्से का ज्वार है, वहीं कुछ शरारती तत्व इसका फायदा उठाकर सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. सोशल मीडिया जंग का मैदान बन गया है. देश में जगह-जगह लोग कैंडल मार्च और अन्य तरीके से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. ऐसे में एक प्रोफेसर से यह उम्मीद नहीं की जा सकती थी कि वह ऐसा संवेदनहीन टिप्पणी करेंगी.
जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में गत 14 फरवरी को अब तक का सबसे बड़ा आत्मघाती आतंकी हमला हुआ. सीआरपीएफ के काफिले की एक गाड़ी से कार में सवार फिदायनी आतंकी टकरा गया था. बताया जा रहा है कि श्रीनगर हाइवे पर सुरक्षाबलों के इस काफिले में करीब 50 गाड़ियां शामिल थी. इनमें 20 से अधिक बस, ट्रक और एसयूवी गाड़ियां थी. हर बस और ट्रक में करीब 35 से 40 कॉन्स्टेबल सवार थे. काफिला जब हाइवे से गुजर रहा था, तब काफी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे. बावजूद इसके इस बड़े आत्मघाती हमले को अंजाम दिया गया.
(गुवाहाटी से हेमंत कुमार नाथ के इनपुट के साथ)