नागरिकता संशोधन कानून का विरोध असम में जारी है. रविवार को फिल्मी कलाकार, मशहूर हस्तियां, स्टूडेंट्स सहित आम लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान सितारों ने आम लोगों के साथ गाना गाया और बार-बार जय अहोम के नारे लगाए. इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन असम के कलाकरों की ओर से किया गया.
हजारों प्रदर्शनकारियों के बीच स्कूली छात्रों का एक समूह था, जो विरोध प्रदर्शन शुरू होते ही सामने आ गया. वहीं, सिविल सोसायटी यह सुनिश्चित करना चाहता है कि ये आंदोलन अहिंसक बना रहे. साथ ही नागरिकता अधिनियम में संशोधन के बाद शुरुआती दिनों की तरह कोई और बर्बरता या झड़प न हो.
अब ये आंदोलन अहिंसक होगा...
9वीं के छात्र संदीप सिंह ने कहा 'इंटरनेट पर बैन के बावजूद यहां हजारों की संख्या में छात्र जुटे हैं. अगर इंटरनेट सेवा बहाल रहती तो यहां काफी संख्या में स्टूडेंट्स मौजूद होते.' फरदीन इरफान ने कहा 'हम धर्मनिरपेक्ष हैं, लेकिन हमारी अपनी समस्याएं हैं. सरकार का कहना है कि वह अन्य देशों के सताए हुए अल्पसंख्यकों की मदद करना चाहती है, लेकिन असम के लोगों के बारे में क्या करना है?' उपासना शर्मा ने कहा, 'हमारे पास बेरोजगारी की समस्या है. शुरू में जब हिंसा हुई तो हम डर गए थे और पता नहीं था कि क्या होगा. अब यह आंदोलन अहिंसक होगा और इसीलिए हम सामने आए हैं.
अपनी ही भूमि में अल्पसंख्यक बन जाएंगे...
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में फिल्म अभिनेत्री बरसा रानी ने कहा कि ये असमिया की स्वदेशी पहचान के लिए लोगों को बांटने के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि 'पहले कोई धार्मिक भेदभाव नहीं था. इससे धार्मिक आधार पर विदेशी आ सकते हैं. बांग्लादेशी हिंदू बड़ी संख्या में यहां आएंगे. हम अपनी ही भूमि में अल्पसंख्यक बन जाएंगे. यदि यह कानून अच्छा है तो अन्य राज्यों में क्यों नहीं लागू किया जाता है?
हमारा विरोध जारी रहेगा....
फिल्मी कलाकार प्रताप पराशर ने कहा कि नागरिकता कानून के माध्यम से सरकार ने असम के लोगों की आत्मा पर हमला किया है. उन्होंने कहा 'हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे और इसीलिए सभी पृष्ठभूमि के लोग यहां एकत्र हुए हैं. लोग यह कानून नहीं चाहते हैं. हमारा विरोध जारी रहेगा, लेकिन आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे.