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चीन की ओर से हुई हैकिंग की कोशिश: नारायणन

ब्रिटेन में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चीन के इंटरनेट हैकरों ने पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के कार्यालय तथा कुछ अन्य सरकारी विभागों के दफ्तरों की कम्प्यूटर प्रणाली में सेंध लगाने की कोशिश की थी.

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ब्रिटेन में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चीन के इंटरनेट हैकरों ने पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के कार्यालय तथा कुछ अन्य सरकारी विभागों के दफ्तरों की कम्प्यूटर प्रणाली में सेंध लगाने की कोशिश की थी.

‘द टाइम्स’ के मुताबिक नारायणन ने कहा ‘‘हमारे कम्प्यूटरों को हैक करने की यह पहली कोशिश नहीं है.’’ नारायणन ने कहा कि गत 15 दिसम्बर को उनके कार्यालय और अन्य सरकारी दफ्तरों के कम्प्यूटर तंत्र को हैकरों ने निशाना बनाया था. ठीक उसी दिन अमेरिकी कम्पनियों ने चीन की ओर से साइबर हमला होने की बात कही थी.

उन्होंने कहा कि उस साइबर हमले के तहत एक ईमेल में ‘ट्रोजन’ वायरस वाली पीडीएफ स्वरूप की सामग्री भेजी गई थी. इस वायरस के जरिये हैकर किसी अन्य कम्प्यूटर में स्टोर फाइल को डाउनलोड कर सकता है या फिर मिटा सकता है. इस वायरस का समय रहते पता लगा लिया गया था और अधिकारियों से इस वायरस का खात्मा नहीं होने तक अपने कम्प्यूटर लॉग-इन ना करने को कहा गया था. नारायणन ने कहा ‘‘लोगों को यकीन है कि यह चीन का ही हमला था. हालांकि इसके मुख्य स्रोत का पता लगाना मुश्किल है लेकिन मुख्य संदेह चीन पर ही है.’’

उधर, चीन ने इस हैकिंग हमले में अपनी भूमिका होने से इनकार करते हुए गूगल समेत विभिन्न वित्तीय तथा प्रौद्योगिकीय कम्पनियों पर निशाना साधा है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता झियांग यू के हवाले से दी गई रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा है कि चीन के कानून के मुताबिक किसी भी तरह की हैकिंग करना अपराध है.

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