केंद्र सरकार द्वारा विदेश सचिव के तौर पर कार्यकाल पहले ही खत्म किए जाने के एक दिन बाद सुजाता सिंह ने दावा किया कि उन्होंने ही जल्दी रिटायरमेंट की मांग की थी. सुजाता सिंह को उनका दो साल का कार्यकाल समाप्त होने से लगभग सात महीने पहले बुधवार रात तत्काल प्रभाव से विदेश सचिव पद से हटा दिया गया. विदेश सचिव सुजाता सिंह की मोदी सरकार ने क्यों की छुट्टी?
सुजाता सिंह ने विदेश सेवा में अपने साथियों को भेजे विदाई मेल में अचानक सर्विस समाप्त किए जाने का कोई जिक्र नहीं किया है. अमेरिका में भारत के राजदूत एस जयशंकर को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अचानक फैसला करके नया विदेश सचिव नियुक्त कर दिया.
सुजाता सिंह को हटाए जाने की कांग्रेस ने आलोचना की है. सुजाता ने 28 जनवरी के ईमेल में कहा कि उन्होंने 38 साल की सरकारी सेवा के बाद जल्दी रिटायरमेंट की मांग की थी. उन्होंने अपने विदाई संदेश में उत्साहजनक तरीके से विदेश सेवा के बारे में लिखा है. उन्होंने ईमेल में लिखा, ‘मेरा मानना है कि इस सेवा के प्रमुख के रूप में और मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह होने के नाते विदेश सचिव का पद अहम होता है.’
सुजाता ने कहा, ‘व्यक्ति संस्था को बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है, लेकिन मेरा मानना है कि कोई भी संस्था से बड़ा नहीं होता.’
---इनपुट भाषा से