पहाड़ों पर तो तपती गर्मी से राहत मिलनी शुरू हो गई है लेकिन मैदानों में अभी हाल आसमान से आग ही बरस रही है. गर्मी के प्रचंड प्रहार से बचने के लिए इंसान अब भगवान की शरण में है. महोबा जिले के चकोटा देवी मंदिर में 500 से ज्यादा महिलाओं ने गर्मी से निजात पाने के लिए सामूहिक रूप से विधिवत हवन, पूजन किया. महिलाओं ने चकोटा देवी मंदिर में एकजुट होकर मां से जल्द राहत पाने को लेकर विधिवत हवन पूजन कर अच्छी बारिश करने की मनोकामना मांगी है. आपको बता दें महोबा में अधिकतम तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया है. जिससे आम जन मानस त्राहि त्राहि कर रहा है.
बिहार के गया में गर्मी का कहर इस कदर है कि 44 डिग्री तापमान ने भगवान को भी नहीं छोड़ा है. गया के रामशिला मंदिर में स्थित मूंगे की बनी भगवान गणेश की प्रतिमा से पानी निकलने के बाद पुजारियों ने खास व्यवस्था की है. गणेश भगवान को गर्मी से राहत देने के लिए गर्भगृह में पंखा लगाया गया है और भगवान को ठंडक मिले इसके लिए चंदन का लेप भी लगाया गया है. मूंगे की गणेश भगवान की मूर्ति के सामने और ऊपर से पंखा भी चलाया जा रहा है जो शुबह से शाम तक लगातार चलता रहता है ताकि गणेश भगवान को गर्मी से राहत मिल सके.
राजस्थान का चुरू शनिवार को सबसे गर्म स्थान रहा, जहां पारा 50 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. मौसम विभाग ने राजस्थान के कई हिस्सों में तीव्र लू चलने के मद्देनजर राज्य के कई जिलों में शनिवार से अगले पांच दिनों के लिए एक रेड अलर्ट और एक येलो अलर्ट जारी किया है. राज्य के 14 जिलों में शनिवार और रविवार के लिए जहां रेड अलर्ट जारी किया गया है, वहीं सोमवार, मंगलवार और बुधवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
बारिश से तबाही शुरू
दूसरी ओर पहाड़ों पर बारिश शुरू होते ही तबाही मचनी शुरू हो गई है. उत्तराखंड के बागेश्वर में महज एक घंटे की बारिश ने तबाही मचाना शुरू कर दिया. बागेश्वर के कौसानी में रविवार को ऐसी बारिश हुई मानो बादल फट गया हो. रास्ते और सड़कें नालों का रूप ले चुके हैं और पानी बेहद तेज रफ्तार से बह रहा है. मूसलाधार बारिश की वजह से नदियों ने भी अपना प्रचंड रूप ले लिया है. उफनते नदी नाले देखकर लोग दहशत में आ गए हैं. लोग यही सोच रहे हैं कि अगर पहली बारिश में अगर ये हाल है तो आने वाले समय में बारिश से क्या हाल होगा.
हिमाचल प्रदेश के सोलन के कई इलाकों में रविवार देर शाम बादल जमकर बरसे. इस दौरान खूब ओलावृष्टि भी हुई जिससे यहां का मौसम ठंडा हो गया. पिछले चार दिनों से यहां के जंगल आग की चपेट में आने से धू-धू कर जल रहे थे. आग लगने से यहां के तापमान में काफी बढ़ोतरी भी हो गई थी और लोग गर्मी से बेहाल हो रहे थे लेकिन बारिश और ओलावृष्टि के बाद यहां के तापमान में काफी गिरावट आई है. यहां का मौसम भी बदल गया है और लोगों ने राहत की सांस ली है. मौसम ठंडा होते ही भारी तादाद में पर्यटक सोलन और चायल आने शुरू हो गए हैं. कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर पर्यटकों की गाड़ियां साफ तौर से देखी जा सकती हैं.
उधर यूपी की राजधानी समेत अन्य कुछ इलाकों में भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को शनिवार रात में हुई बूंदाबांदी और चल रही हवा के कारण गर्मी से कुछ निजात मिली. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में गर्मी कुछ कम होने का आसार जताया. यूपी मौसम विभाग के निदेशक जे पी गुप्ता के मुताबिक, ईरान से चलने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण मार्च से जून के बीच में लू चलती है. मानसून पूर्व बारिश कम होने से राहत नहीं मिल पा रही है.
4 जून से राहत मिलने की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, चार जून के बाद गर्मी और लू से कुछ राहत मिलने की संभावना है. बंगाल की खाड़ी से आने वाली पुरवाई से पारा गिरेगा. पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक दो दिन में तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हो सकती है. यूपी के तापमान में उतार-चढ़ाव का क्रम जारी है. रविवार को लखनऊ का न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम पारा 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, कानपुर का न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस जबकि अधिकतम 44 डिग्री सेल्सियस रहा. गोरखपुर का न्यूतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.