जेएनयू विवाद में अपना नाम जोड़े जाने पर कुख्यात पाकिस्तानी आतंकी और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद ने सफाई दी. सईद ने एक वीडियो जारी कर कहा कि उनके नाम से फेक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया था. उसने कहा, 'मैंने ट्वीट के जरिए कुछ भी नहीं कहा है.'
जारी वीडियो में हाफिज सईद ने कहा है कि भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बारे में सुनकर वह बहुत हैरान हुआ. उसने कहा, 'मैंने इस बारे में कुछ नहीं कहा है और न ही जेएनयू में नारेबाजी पर कोई ट्वीट किया है.'
Hafiz Saeed release video: I felt very odd when I heard that the Indian home minister had said that I or my tweet was behind the JNU slogans
— ANI (@ANI_news) February 15, 2016
मीडिया में वायरल हुई खबर
गौतरलब है कि बीते दिनों जेएनयू में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को शहीद बताने और पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाए जाने से फैले विवाद में सईद का नाम सामने आया था. मीडिया में खबर आई कि जेएनयू में देश तोड़ने का नारा लगाने वाले छात्रों के सिर पर हाफिज सईद का हाथ है. इसके लिए ट्वीट भी दिखाए गए.
Hafiz Saeed release video: this is a fake twitter account. I have not said anything via a tweet.
— ANI (@ANI_news) February 15, 2016
राजनाथ बोले, जेएनयू विवाद के पीछे सईद
सईद के ट्विटर हैंडल को देखकर बनी खबर को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी दोहराया था. सिंह ने कहा था कि जेएनयू की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लश्कर और हाफिज सईद का समर्थन मिलना खतरनाक संकेत है. पूरे देश को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और विपक्ष को इस मसले पर राजनीति करने से बचना चाहिए.
विपक्ष के निशाने पर आए राजनाथ
राजनाथ सिंह के इस मामले में बयान देने के बाद विपक्षी दलों ने उनसे सबूत मांगने की शुरुआत कर दी. उनपर मामले को बेवजह तूल देने का आरोप लगाया जाने लगा. आम आदमी पार्टी ने कहा कि गृह मंत्री ने जेएनयू को हाफिज तक पहुंचा दिया. अगर इस बयान का आधार वो फर्जी हैंडल का ट्वीट है तो मुश्किल है वरना सबूत देने चाहिए. सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी राजनाथ के बयान की निंदा की थी. नेशनल कांफ्रेस नेता उमर अब्दुल्ला ने भी सिंह से सबूत दिखाने की मांग की.