आतंकी संगठन लश्कर का चीफ हाफिज सईद एक बार फिर से भारतीय सीमा पर लगातार दौरे कर रहा है. पिछले 15 दिनों में उसने कश्मीर बॉर्डर से लेकर पंजाब और राजस्थान बॉर्डर के कई दौरे किए हैं. लेकिन सबसे बड़ी खबर है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार चार से पांच आतंकी भारत में तैयार घुसने के लिए इंतजार में बैठे हैं.
बॉर्डर के करीब बैठे हैं आतंकी
ये आतंकी फिलहाल पाकिस्तान से लगते इंटरनेशनल बॉर्डर से महज 17 कि.मी. दूरी पर पंजाब और सिंध की सीमा पर फोर्ट अब्बास में रुके हुए हैं. हाफिज ने यहां आकर इन आतंकियों से मुलाकात की है. खुफिया सूत्रों के अनुसार ये बीओपी शेरपूरा, बीओपी कैलाश, बीओपी मंजू और बीओपी बांदा से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं.
खुलेआम मांग रहा है मुजाहिदीन
जमात उद दावा के बैनर तले बार्डर पर दौरा कर रहा हाफिज खुलेआम लोगों से भारत के खिलाफ जिहाद में शामिल होने के लिए अपील कर रहा है. फैसलाबाद जिले के गोजरा में उसने भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए हर घर से भारत के खिलाफ जिहाद के लिए मुजाहिदीन मांगे.
हाफिज ने बनाया एक और आतंकी संगठन
आतंकी संगठन लश्करे तैयबा को लेकर दुनिया भर में हो रहे विरोध के बाद हाफिज ने 'अल हादी' के नाम से नया आतंकी संगठन बनाया है. अल हादी का चीफ लाहौर के अल कासिदीया मस्जिद के चीफ मौलाना खालीद वट्टू को बनाया है. अल हादी में 16 से 17 साल के लड़कों की भर्ती की जा रही है. जमात उल दावा मर्कज के महसूल यानी हाफिज सईद समाज सेवा के लिए बने मुखौटा संगठन संगठन के अड्डों के जरिए बच्चों को इकट्ठा और भर्ती किया जा रहा है.
ऐसे होती है आतंकियों की ट्रेनिंग
जब एक साथ अल कासिदीया मस्जिद में 15 बच्चे लड़ाका बनने के लिए इकट्ठे हो जाते हैं तो उन्हें आतंकी संगठन अल हादी के लाहौर के अड्डे मंडी के मुरीद में ले जाया जाता है. यहां पर इन नौजवानों को 21 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है जिसे दूरा-ए-सूफा कहते हैं. इस 21 दिन में उनके दिमाग भारत के खिलाफ जहर भरा जाता है.
यहां ब्रेनवॉश करने के विशेषज्ञ रहते हैं जो इन्हें कठोर आतंकी बनने के लिए मानसिक रुप से तैयार कर देते हैं. भारत के खिलाफ दुष्प्रचार की सामग्री, जेहाद के मायने, कश्मीर में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा अत्याचार का वीडियो और काफिर के मारने पर जन्नत मिलने और हूर मिलने जैसी बातों से इनकी ट्रेनिंग होती है.
16-17 साल के बच्चों को ही करते हैं शामिल
21 दिन की ट्रेनिंग के बाद आखिरी बार इन्हें अपने माता-पिता, भाई-बहन और रिश्तेदारों से मिलने के लिए भेजा जाता है. इसमें खास ध्यान रखा जाता है कि आतंकी बनने के लिए अविवाहित और 16-17 से बच्चे ही आएं. ज्यादा उम्र के लोगों को इसमें शामिल नही किया जाता है. पांच दिन बाद ये वापस अल हादी के अड्डे मंडी के मुरीद में इकट्ठा होते हैं जहां से रात को 10.30 से 11 बजे के बीच बस से इन्हें अल हादी के दूसरे अड्डे मनसेरा एडवांस ट्रेनिंग के लिए ले जाया जाता है.
लड़ाकों को दी जाती है मिलिट्री ट्रेनिंग
मनसेरा में जमात उल दावा के लोग बस के इंतजार में रहते हैं जो इन्हें गुप्त स्थान पर ट्रेनिंग के लिए ले जाते हैं. यहां इन्हें मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें दुनिया के सबसे आधुनिकतम हथियार चलाने की ट्रेनिंग, पांच से 10 दिनों तक पानी और ड्राईफ्रूट पर रहने की आदत, जंगल, पहाड़, रेगिस्तान और नदी से घुसपैठ की कठोर ट्रेनिंग होती है.
यहां पर तैयार लड़ाकों और ट्रेनरों के साथ 5 मार्च को सरियत ईमाम उल मुजाहिद नाम से पंजाब प्रांत के समुद्री सिटी में अल फतह नाम के मर्कज में जमात उल दावा ने एक कॉन्फ्रेंस की. इसमें नए आतंकी संगठन अलहादी को चलाने वाले आतंकी आमीर हामजा, मुहम्मद मुस्ताख, सैफिफुल्ला, इकबाल हाजी, मुहम्मद सुसूफ, शब्बीर अहमद, मुहम्मद इमरान और जकिरुल्ला शामिल हुए. इस मीटिंग में पूरा प्लान बना कि किस तरह से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंदजाम देने में तेजी लाई जाए और इसके लिए नए लड़कों को भर्ती और तैयारी हो.
हाफिज ने खोली आतंक की नर्सरी
हाफिज के संगठन जमात उद दावा ने आतंक की नर्सरी भी तैयार करनी शुरु कर दी है. इसके लिए इसने नए मदरसे बनाए हैं जिसमें 7 साल से लेकर 16 साल तक के बच्चों की भर्ती कर रहा है. अभी तक इनके पास 300 बच्चे आ चुके हैं. इसका इंचार्ज अबु हाफिज आमिर हमजा है. हामजा की देख रेख में हीं इन बच्चों को मुजाहिदीन बनाया जा रहा है. ये एक तो पी. ओ जसोक, पुलिस थाना हुजरा शाह मकीम, तहसील दीपालपुर, जिला ओकारा पंजाब में है. दूसरा पीवी जसोक मंडी-अहमदाबाद हुजरा लिंक रोड पर है.
कश्मीर में मारे गए आतंकी अबु आमिर उर्फ मोहम्मद युसूफ पुत्र मुस्ताक के लिए दोपहर की नमाज में आमिर हमजा ने नमाजे जनाजा पढ़ा और आतंकी अबु आमिर की आखिरी ख्वाहिश लोगों को पढ़ कर सुनाया. जिसमें उसके हवाले से कहा गया कि वो अपने बड़े भाई याकूब से उसके चारो बच्चों को जिहाद के लिए जमात उद दावा को सौंपने की गुजारिश करता है. जिस पर याकूब ने कहा कि उसके चारों बच्चे अभी छोटे हैं फिर भी मैं एक बच्चा भारत के खिलाफ जिहाद के लिए जमात उद दावा को सौंपता हूं.
प्रेस के जरिए आतंक की जमीन तैयार करता है हाफिज
हाफिज सईद ने जहर छापने के लिए चौबुरजी में एक प्रिंटिंग प्रेस भी खोल रखी है. यहां पर हर तरह के प्रोपेगंडा मैटेरियल को छाप कर पाकिस्तान और दुनिया के दूसरे हिस्से में भेजा जाता है. हाफिज हथियार के साथ-साथ अपनी कलम भी मजबूत कर रहा है. उस ने लाहौर से सप्ताहिक अखबार जरार न्यूज पेपर शुरु किया है जबकि दूसरा अखबार डेली नई बात पाकिस्तान के आठ शहरों लाहौर, रावलपिंडी, इस्लामाबाद, कराची, फैसलाबाद, पेशावर और सरगोधा से निकाल रहा है. हाफिज का तीसरा अखबार जब्र ए मोमिन कराची में छप रहा है.