देश का जाना-माना और मशहूर हल्दिया बंदरगाह बहुत बुरे हाल में है. हालत इतनी खस्ता है कि इस वक्त 30 से भी ज्यादा जहाज जिन्हें किनारे पर आना है. दूर से ही अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं और इस पूरी समस्या की जड़ में है लापरवाही. लापरवाही मिट्टी की सफाई को लेकर.
पानी का स्तर घटा
दरअसल, बंदरगाह पर मिट्टी का आकर जम जाना आम बात है और इसकी सफाई के लिए ज़रूरी है कि नियमित रूप से ड्रेजिंग का काम होता रहे लेकिन, मिट्टी की सफाई का हाल ये है कि पानी का स्तर घटकर साढ़े तीन मीटर रह गया है. जबकि जहाज को आगे बढ़ने के लिए कम से कम पांच मीटर गहरा पानी चाहिए होता है.
सफाई के लिए सालाना मिलते हैं 400 करोड़
वहां मिट्टी की सफाई का काम ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का है, जिसे इसके लिए केंद्र से साल में 400 करोड़ रुपये मिलते हैं, लेकिन फिर भी इस काम में बेहद पुराने ड्रेजर लगाए गए हैं. बताया जा रहा है कि बंदरगाह के पास सिर्फ 6 ड्रेजर हैं और उनमें से 3 ऐसे हैं जिनका होना न होना बराबर है. दो अच्छे ड्रेजरों में से एक को सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट के लिए भेज दिया गया है.