अपने नेताओं को क्लीन चिट और विरोधियों पर दंगे का इल्जाम. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ये कैसा राजधर्म?
मुजफ्फरनगर दंगे पर आज तक का स्टिंग ऑपरेशन- ऑपरेशन दंगा और ऑपरेशन दंगा पार्ट-2. आज तक के छिपे कैमरे पर मुजफ्फरनगर के पुलिस कर्मियों ने खोली थी सरकार की पोल. अफसर बता रहे थे कि कैसे दंगाइयों पर कार्रवाई करने में उनके हाथ बंधे थे.
EXCLUSIVE: मुजफ्फरनगर पर सबसे बड़ा खुलासा, जानें क्यों और कैसे भड़का दंगा
दबाव बनाने वालों में नाम यूपी के शहरी विकास मंत्री आजम खान का भी आया था. लेकिन, समाजवादी पार्टी से लेकर यूपी सरकार तक बगैर किसी जांच के मंत्री को क्लीन चिट देने में जुट गई है.
अखिलेश यादव ने कहा, 'आजम खान ने कभी भी किसी पुलिस अधिकारी को फोन नहीं किया.' आजम खान पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने आरोपियों को छुड़वाने के लिए फोन किए थे.
सवाल उठता है कि बगैर जांच कराए सरकार ने आरोप को कैसे नकार दिया? अगर आजम खान को क्लीन चिट तो बिना जांच के पुलिस वालों पर कार्रवाई क्यों?
यूपी के युवा सीएम के राजधर्म पर सवाल सिर्फ अपनों के बचाने की वजह से नहीं उठ रहे हैं. कार्रवाई का वादा करने वाली सरकार उन नेताओं को अब तक नहीं पकड़ पाई है जिनके खिलाफ वॉरंट जारी हुआ है, जबकि उनमें से कुछ विधायक बुधवार को विधानसभा में मौजूद थे.
रामगोपाल यादव के मुताबिक, 'जब मामला शांत होगा तब आरोपी विधायकों को गिरफ्तार किया जाएगा.'
हालात संभालने के लिए आरोपियों की गिरफ्तारी होती है लेकिन यूपी में तो धारा ही उल्टी बह रही है. ये कैसा राजधर्म है अखिलेश?
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