दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को लेकर बड़ा खुलासा किया है.
पुलिस की पूछताछ में उसने बताया है कि वह आईएसआई के पूर्व मुखिया रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल हामिद गुल से सीध संपर्क में था और उसके इशारे पर काम करता था. इस खुलासे के बाद एक बार फिर पाकिस्तान की उन दावों की पोल खुल गई जिसमें वह कहता रहा है कि ISI भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं रहता है.
शुक्रवार को भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किए गए लश्कर के आंतकी टुंडा ने अब तक कई खुलासे कर चुका है. पर पूर्व आईएसआई चीफ को लेकर बताई गई इन बातों से यह साफ है कि पाकिस्तानी धरती पर किस तरह से आतंकी संगठन पलते-बढ़ते हैं, और किस तरह से उन्हें ISI का समर्थन प्राप्त है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आतंकी टुंडा हामिद गुल से पहली बार 1995 में मिला था. वह गिरफ्तार होने से पहले तक पूर्व आईएसआई चीफ के संपर्क में रहा. आपको बता दें कि हामिद गुल 1987 से 1989 तक आईएसआई के डायरेक्टर जनरल रहे.
इसके अलावा, टुंडा ने बताया कि वो भारत में नकली नोट भेजने का काम करता था. इस सिलसिले में ISI के लिए काम करने वाले पाकिस्तानी सेना के दो मेजर और अन्य अधिकारी उसके संपर्क में थे. टुंडा ने इन अधिकारियों की पहचान बताई है.
सूत्रों के मुताबिक, टुंडा ने जिन ISI अधिकारियों को लेकर खुलासा किया है. उनके नाम हैं मेजर तैय्यब और मेजर अल्ताफ. टुंडा के मुताबिक ये अधिकारी नकली नोट के धंधे में बिचौलिए की तरह काम करते थे.
टुंडा ने पूछताछ में यह भी बताया कि मोस्ट वांटेंड आतंकी दाऊद इब्राहिम भी नकली नोट के कारोबार में शामिल है और आईएसआई उसकी मदद करती है.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े इस आतंकवादी ने पहले भी कई चौंकाने वाले राज उगले हैं. कई खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में टुंडा ने माना था कि ना सिर्फ जमात उद दावा का चीफ हाफिज सईद भारत पर आतंकी हमले करा रहा है, बल्कि इस मिशन में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का भी हाथ है.