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...जब हंसराज भारद्वाज ने राहुल गांधी को मार्केट से बाहर बताकर की थी प्रियंका की पैरवी

हंसराज भारद्वाज को जब भी याद किया जाएगा तो कांग्रेस पार्टी को लेकर उनका विरोध और राहुल गांधी को दी गई उनकी नसीहत की बात जरूर होगी. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद दिवंगत नेता हंसराज ने कहा था कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने में बेहद कमजोर साबित हुई है.

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पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज का निधन (फाइल फोटो)
पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज का निधन (फाइल फोटो)

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  • 2014 के नतीजों के बाद की थी राहुल की आलोचना
  • प्रियंका गांधी को राजनीति में लाने के पक्षधर रहे

कर्नाटक और केरल के पूर्व राज्यपाल और कानून मंत्री रह चुके हंसराज भारद्वाज का 82 साल की उम्र में रविवार को निधन हो गया है. सोमवार शाम चार बजे दिल्ली के निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. हंसराज 2004 से 2009 के बीच, कानून मंत्री रहे जबकि मार्च 2012 से मार्च 2013 तक वो केरल के और जून 2009 से जून 2014 तक कर्नाटक के गवर्नर रहे थे.

हंसराज भारद्वाज को जब भी याद किया जाएगा तो कांग्रेस पार्टी को लेकर उनका विरोध और राहुल गांधी को दी गई उनकी नसीहत की बात जरूर होगी. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद दिवंगत नेता हंसराज ने कहा था कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने में बेहद कमजोर साबित हुई है. पार्टी और राहुल गांधी को जमीनी हकीकत की कोई जानकारी नहीं थी.

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'नई पौध लगाने की जरूरत'

साल 2015 में उन्होंने राहुल गांधी को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आज के दौर में राहुल गांधी मार्केट में ही नहीं हैं. सोनिया गांधी को नए लोगों को पार्टी में लाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'आपको नई पौध लगानी पड़ेगी, अच्छे नेता लाने पड़ेंगे. अगर सोनिया गांधी कांग्रेस का भला चाहती हैं तो वो सभी लोगों को काम करने के लिए आमंत्रित करें.'

उन्होंने सोनिया गांधी के करीबी नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा था कि तीन चार लोग उनके इर्द-गिर्द हैं, वो जो भी कहते हैं, जिस तरह के बदलाव का सुझाव देतें हैं बस उसपर ही काम होता है. ऐसे में वो कैसे लड़ पाएंगी?

और पढ़ें- पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज भारद्वाज का 82 साल की उम्र में निधन

वहीं राहुल गांधी को लेकर उन्होंने कहा था कि वो तो मार्केट में हैं ही नहीं. 2014 में बेवजह ही हार की जिम्मेदारी उनपर लाद दी गई. सबको काम करना चाहिए था.

हंसराज भारद्वाज प्रियंका गांधी को चेहरा बनाने के पक्षधर थे. उनका कहना था कि लोग उन्हें बड़ी भूमिका में देखना चाहते हैं लेकिन उनका राजनीति में ना लाना भी कांग्रेस के फेल होने का बड़ा कारण है.

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