कई लोग 50 साल की उम्र को अंत की शुरूआत मानते हैं लेकिन वैज्ञानिकों के एक समूह का दावा है कि खुशहाल जीवन की शुरूआत तब होती है जब व्यक्ति 50 साल का हो जाता है.
न्यूयार्क स्थित स्टोनी ब्रुक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि मृत्यु तथा बीमारी के बढ़ते खतरे के बावजूद लगता है कि उम्र के 50 वें पड़ाव पर पहुंच लोग चिंता कम करते हैं, सकारात्मक पक्ष पर अधिक ध्यान देते हैं और नकारात्मक पक्ष की उपेक्षा करते हैं.
द टेलीग्राफ में प्रकाशित खबर में अनुसंधानकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि जब लोग उम्र के 50वें पड़ाव पर पहुंचते हैं तो उनका तनाव, चिंता और गुस्से में धीरे-धीरे कमी आने लगती है और प्रसन्नता का अहसास मजबूत होने लगता है. एक अनुसंधानकर्ता डॉ. आर्थर स्टोन का कहना है कि उनके अध्ययन के नतीजे चौंकाने वाले हैं.
वह कहते हैं ‘आपको लगता होगा कि गंभीर बीमारी से जीवन को खतरा बढ़ जाता है लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि 50 साल के होने के बाद लोग ऐसे खतरों पर ध्यान ही नहीं देते.’ उन्होंने कहा ‘50 साल का होने के बाद व्यक्ति जीवन में परिवार, मित्र आदि खुशनुमा पहलुओं पर ध्यान देने लगता है.’ अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन के लिए 18 साल से 85 साल की उम्र के 340,000 अमेरिकी पुरूषों और महिलाओं से बात की और पाया कि प्रौढ़ावस्था में प्रसन्नता का अहसास गहरा होता जाता है.