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अपनी नई जिम्‍मेदारी से खुश हूं: कमलनाथ

आज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में इंडिया टुडे के संपादक व इंडिया टुडे ग्रुप के संपादकीय निदेशक प्रभु चावला ने भूतल परिवहन मंत्री कमलनाथ से बात की. कमलनाथ ने अपनी जिम्‍मेदारियों और चुनौतियों समेत विभिन्‍न मसलों पर अपनी बेबाक राय रखी.

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आज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में इंडिया टुडे के संपादक व इंडिया टुडे ग्रुप के संपादकीय निदेशक प्रभु चावला ने भूतल परिवहन मंत्री कमलनाथ से बात की. कमलनाथ ने नए मंत्रालय में अपनी जिम्‍मेदारियों और और चुनौतियों समेत विभिन्‍न मसलों पर अपनी बेबाक राय रखी. कमलनाथ ने बताया कि नई सरकार में मिली नई जिम्‍मेदारी से वो खुश हैं.

गौरतलब है कि पिछली सरकार में कमलनाथ वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री थे. उस दौरान उन्‍हें बहुत ज्‍यादा हवाई यात्राएं करनी पड़ती थी. इसी को लेकर उनसे सवाल किया गया कि वो तो हमेशा हवा में रहने वाले आदमी हैं फिर वो सड़क का काम कैसे देखेंगे. तो उन्‍होंने कहा कि वो जमीन से जुड़े आदमी हैं और उनके सामने बहुत बड़ी चुनौती है. उन्‍होंने कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय का काम बड़ा है और ये उनके लिए एक चुनौती है. उनके पिछले कार्यकाल में उन्‍होंने विश्‍व व्‍यापार संगठन में भारत की ओर से कड़ा रुख अपना रखा था. इस पर उन्‍होंने कहा कि डब्‍ल्‍यूटीओ में हमारे रुख के पीछे केवल व्‍यक्ति की नहीं बल्कि सरकार की सोच थी और हम एक सोच के साथ चले. उन्‍होंने कहा कि उस समय वहीं हमारे देश के लिए उचित था. कमलनाथ ने उम्‍मीद जताई कि वर्तमान सरकार भी वही नीति अपनाएगी.

उन्‍होंने नए मंत्रालय में अपने कामकाल के बारे में बताते हुए कहा कि सड़क बिना विकास नहीं हो सकता क्‍योंकि ये हर क्षेत्र से जुड़ी होती है. उन्‍होंने कहा क‍ि उनका लक्ष्‍य प्रतिदिन 20 किलोमीटर सड़क बनाना है. इसके लिए पैसा भी जुटाना है. उन्‍होंने कहा कि वैसे पैसे की कमी नहीं है बल्कि जमीन पाना सबसे बड़ी चुनौती है और इसके लिए राज्‍यों को पूरा साथ देना होगा. जब उनसे पूछा गया कि अधिकतर सड़के बड़े शहरों को ध्‍यान में रखकर बनाई जाती हैं ना कि गांव और कस्‍बों को. इस पर उन्‍होंन कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा गांवों को सड़कों से जोड़ने के साथ ही जिलों की मुख्‍य सड़कों को भी दुरुस्‍त रखना उनके मंत्रालय की जिम्‍मेदारी है. उन्‍होंने कहा कि सड़क‍ पर राजनीति नहीं होनी चाहिए बल्कि इसे विकास के रूप से देखना चाहिए. उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि जिन राज्‍यों में कांग्रेस को छोड़कर किसी दूसरी पार्टी की सरकार है वहां भी सड़क निर्माण में परेशानी नहीं होगी क्‍योंकि कोई भी योजना पूरे देश के लिए बनती है.

कमलनाथ ने बताया कि देश की सभी राजधानियों को नेशनल हाइवे से जोड़ा जाएगा उसके बाद सभी बड़े शहरों को भी जोड़ा जाएगा. सबसे पहले 10 लाख से ज्‍यादा आबादी वाले शहरों को नेशनल हाइवे से जोड़ा जाएगा उसके बाद 5 लाख से ज्‍यादा आबादी वाले शहरों को. कलनाथ ने कहा कि पैसे की कमी इसलिए भी सामने नहीं आएगी क्‍योंकि जनता सुविधाओं के लिए टैक्‍स देने को तैयार है. इससे उनको आराम भी होगा और ईंधन भी बचेगा. इसलिए जरूरत पड़ी तो जनता से टैक्‍स की भी मांग की जाएगी. ये पूछे जाने पर कि सड़क निर्माण का काम कैसी कं‍पनियों को सौंपा जाएगा, उन्‍होंने कहा कि कंपनी की क्षमता के आधार पर उसे काम दिया जाएगा.

जब कमलनाथ से यह पूछा गया कि क्‍या वित्त मंत्री उनका सहयोग करेंगे तो उन्‍होंने कहा क‍ि सभी सड़क के पक्ष में इसलिए सबका सहयोग मिलेगा. सड़क निर्माण राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि ये देश के विकास से जुड़ा है. अक्‍सर कमलनाथ पर आरोप लगते हैं कि वो पूंजीपतियों का समर्थन करते हैं. इस पर उनका कहना है कि उनका जीवन खुली किताब है और वो पूंजीपतियों का समर्थन नहीं करते. उन्‍होंने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय किसी भी राज्‍य ये वर्ग के साथ पक्षपात नहीं करेगा. उन्‍होंने दोबारा वाणिज्‍य मंत्रालय दिए जाने की बात पर कहा कि वो दोबारा वही मंत्रालय नहीं लेंगे.

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