गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री हरेन पांड्या की हत्या के मामले में शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए सात आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई. गुजरात हाईकोर्ट ने साल 2003 के हरेन पांड्या हत्याकांड के सभी 12 आरोपियों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया था.
2003 Gujarat Home Minister Haren Pandya murder case: Supreme Court upholds conviction of the seven accused. pic.twitter.com/qfGtYgu1WU
— ANI (@ANI) July 5, 2019
क्या है मामला
गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार के समय तत्कालीन गृह मंत्री हरेन पांड्या की 26 मार्च 2003 को अहमदाबाद के लॉ गार्डन इलाके में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे सुबह की सैर कर रहे थे. इस हत्या का आरोप 12 लोगों पर था.
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई में कहा था कि सीबीआई की जांच की दिशा स्पष्ट नहीं है. हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि जांच के दौरान कुछ तथ्यों की अनदेखी की गई और बहुत कुछ छूट गया. हाईकोर्ट में मामला जाने से पहले सेशन कोर्ट ने आरोपियों को हत्या करने और आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना था.
जिस वक्त हरेन पांड्या की हत्या हुई उस वक्त गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार थी. उस समय आतंकवाद निरोधक कानून के तहत विशेष पोटा कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. आरोपियों ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. 29 अगस्त 2011 को गुजरात हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को पलट दिया और सभी आरोपियों को बरी कर दिया.
हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सीबीआई ने 2012 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सीबीआई की अपील के 7 साल बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए सभी 7 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई.