हरिद्वार में दो किशोर भाई-बहन न सिर्फ योग के 150 आसनों में पारंगत हैं, बल्कि वे इन आसनों को बेहद आसानी से कर लेते हैं. प्राचीन समय का यह व्यायाम 5,000 साल पुराना माना जाता है, जिसे विभिन्न आसनों और श्वसन संबंधी व्यायाम के जरिए किया जाता है.
हरिद्वार के रोहित और शांभवी शांतिकुंज स्थित गायत्री विद्यापीठ के क्रमश: छठी और आठवीं कक्षा के विद्यार्थी हैं. वे छोटे बच्चों को रोज योग सिखाते हैं.
रोहित शिरपीढ़ासन, गूढ़ गर्भासन, हस्तबुद्ध शिरपादासन और 150 अन्य आसन कर सकते हैं. वहीं उनकी बड़ी बहन शांभवी हनुमान आसन, विपरीत शलभासन और मयूरासन सहित अन्य आसन कर सकती हैं. दोनों भाई-बहन कहते हैं कि उनके पिता रवींद्र यादव ने उन्हें दो साल की उम्र में ही योग करने के लिए प्रेरित किया.
पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के शिष्य रवींद्र शांतिकुंज के गायत्री तीरथ के कई श्रद्धालुओं में से एक हैं.
शांभवी ने कहा, 'नियमित रूप से आधे घंटे प्राणायाम और प्रयाग योग करने के बाद हम ध्यान लगाते हैं, जो कि शांतिकुंज के सभी साधक नियमित रूप से करते हैं.'
गौरतलब है कि भारतीय योग को दुनियाभर के देशों ने अपना लिया है. संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया है.
इनपुट: IANS