हरिद्वार में पिछले 48 घंटों से अधिक समय से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भीषण तबाही का मंजर बना हुआ है.
हर की पौड़ी, मालवीय द्वीप, बड़ाबाजार, मोती बाजार में तीन फुट और भीमगोंडा क्षेत्र के घरों में पांच फुट तक पानी भर जाने से लोग छतों पर चढ़कर बरसते पानी में रहने को मजबूर हो गए हैं.
गंगा नहर के अलावा मील धारा में 10 फुट से अधिक जलस्तर बढ़ने के कारण काली मंदिर क्षेत्र में 50 से अधिक लोग फंस गए जिन्हें पुलिस ने निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.
गंगा के भीषण जलप्रवाह से बिशनपुर कुंडी का तटबंध बुरीतरह क्षतिग्रस्त हो गया जिसके किसी भी समय बह जाने की आशंका बनी हुई है. बिशनपुर तटबंध के अंतर्गत प्रभावित होने वाले लगभग 40 गांवों को प्रशासन द्वारा खाली कराये जाने का काम जारी है.
नीलधारा पर बने बैराज नंबर छह का एक स्तंभ भी तेज प्रवाह में बह गया. इसके अलावा तीन हाथी तथा कई पालतू पशु बाढ़ में बह गए. राजाजी पार्क क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में आने वाले हाथियों के अलावा कई जानवरों का अंदेशा है. अपर जिलाधिकारी चौहान के अनुसार अभी भी स्थिति भयावह बनी हुई है. काली मंदिर में फंसे लोगों को बचा लिया गया है. रात भर से लक्सर आदि क्षेत्रों में भी बाढ़ बचाव दल कार्य कर रहे हैं.
हालांकि अभी किसी तरह की जनहानि का कोई समाचार नहीं है. मंशा देवी पहाड़ से भी लगातार मलबे का गिरना जारी है.